सदर अस्पताल कर्मियों की बहाली में शर्तों का पालन नहीं, नाै को हटाने का आदेश Dhanbad News

बहाली की शर्तों के अनुसार न्यूनतम उम्र 21 वर्ष रखी गई थी। लेकिन सात एएनएम व तीन झाड़ूकश के कर्मियों की न्यूनतम उम्र इससे कम मिली। अब इन सभी को अयोग्य घोषित किया गया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 09:48 AM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 09:48 AM (IST)
सदर अस्पताल कर्मियों की बहाली में शर्तों का पालन नहीं, नाै को हटाने का आदेश Dhanbad News
सदर अस्पताल कर्मियों की बहाली में शर्तों का पालन नहीं, नाै को हटाने का आदेश Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। कोर्ट मोड़ स्थित सदर अस्पताल में कर्मियों की बहाली को लेकर डीसी अमित कुमार ने बड़ी कार्रवाई की है। शर्तों के अनुरूप नहीं पाए गए नियुक्त नौ कर्मियों को उन्होंने सिविल सर्जन को हटाने का आदेश दिया है। इससे पहले बहाली में अंतिम परिणाम में चयनित कर्मियों को नियुक्ति पत्र बांटना था। लेकिन डीसी के आदेश के बाद सभी चयनित कर्मियों के कागजात, स्थानीयता आदि की जांच शुरू की गई थी। इसमें नौ कर्मियों को अयोग्य पाया गया है। बता दें कि पिछले दिनों सदर अस्पताल के कर्मियों की बहाली का अंतिम परिणाम प्रकाशित किया गया था। कई आवेदकों ने गड़बड़ी का विरोध भी किया था। इसके बाद फिर से सभी के कागजातों की जांच का निर्देश दिया गया था। जांच में अब गड़बड़ी मिली है।

सात कर्मियों के उम्र कम मिली : बहाली की शर्तों के अनुसार न्यूनतम उम्र 21 वर्ष रखी गई थी। लेकिन सात एएनएम व तीन झाड़ूकश के कर्मियों की न्यूनतम उम्र इससे कम मिली। अब इन सभी को अयोग्य घोषित किया गया है। डीसी के आदेश पर सिविल सर्जन ने कार्रवाई शुरू की है।

नर्स की डिग्री अमान्यःचयनित हुई एक एएनएम की डिग्री को भी अमान्य कर दिया गया है। जांच में पाया गया कि एएनएम ने दूसरे किसी कोर्स का सर्टिफिकेट जमा किया था। ऐसे में जांच में इसे स्वीकार नहीं किया गया। इसे भी हटा दिया गया है।

लैब टेक्नीशियन का स्थानीय प्रमाण पत्र नहीं : बहाली में स्थानीय निवासी (धनबाद) का 100 प्रतिशत आरक्षण रखा गया है। इसमें एक लैब टेक्नीशियन के पास स्थानीय प्रमाण पत्र नहीं मिला है। लिहाजा जांच टीम ने लैब टेक्नीशियन को दो दिनों की मोहलत दी है। यह मोहलत भी रविवार को खत्म हो गई है।

जांच में नौ कर्मियों के कागजात, उम्र आदि में कमी पाई गई है। इन सभी को डीसी ने हटाने का आदेश दिया है। अब इन्हें हटाया जा रहा है।

-डॉ. गोपाल दास, सिविल सर्जन, धनबाद

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