एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर अवैध निकासी करते एक धराया

धनबाद : एटीएम कार्ड बदलकर रुपये की अवैध निकासी करने की घटनाएं तो कई बार सुनने को मिली

By JagranEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 12:15 AM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 12:15 AM (IST)
एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर अवैध निकासी करते एक धराया
एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर अवैध निकासी करते एक धराया

धनबाद : एटीएम कार्ड बदलकर रुपये की अवैध निकासी करने की घटनाएं तो कई बार सुनने को मिली है लेकिन एटीएम कार्ड की क्लोनिंग कर रुपये निकालते एक साइबर अपराधी बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने उसे बुधवार की रात को संदेह के आधार पर धनबाद स्टेशन स्थित एसबीआइ के एटीएम से पकड़ा। गिरफ्तार साइबर अपराधी का नाम राहुल नोनिया है। पुलिस ने उसके पास से कई एटीएम कार्ड, आधार कार्ड व अन्य पहचान पत्रों सहित 45000 रुपये नगद बरामद किए। पुलिस ने उक्त अपराधी के पास से एक क्लोनिंग एटीएम भी बरामद किया है। इसके माध्यम से अपराधी लोगों के एटीएम को क्लोन करता था। क्लोन एटीएम के माध्यम से दूसरों के एकाउंट से रुपयों की अवैध निकासी करता था।

धनबाद थाना प्रभारी अशोक सिंह ने बताया कि राहुल नोनिया नामक साइबर अपराधी सिजुआ तेतुलमारी का रहने वाला है। उसका एक सहयोगी विशाल घटनास्थल से भागने में कामयाब रहा। गिरफ्तार अपराधी को गुरुवार शाम पूछताछ के बाद जेल भेज दिया गया। पूछताछ में पता चला है कि एक पूरा गिरोह है जो एटीएम कार्ड की क्लोनिंग में संलिप्त है। इस एटीएम क्लोनिंग गिरोह का सरगना संजय चौहान है। कैसे होती है एटीएम की क्लोनिंग :

साइबर अपराधी किसी अमेजन या फ्लिपकार्ट जैसे ऑनलाइन शॉपिंग मॉल से 20 हजार रुपये खर्च करके एक स्कै नर मशीन खरीदते हैं। इस मशीन के साथ 15 ब्लैंक एटीएम कार्ड भी मिलता है। ये साइबर अपराधी एटीएम की लाइन में लगे रहते हैं। इस दौरान लोगों की मदद के नाम पर उसके एटीएम कार्ड को अपने हाथ में रखे छोटे से स्कैनर में उसका मैग्नेटिक चिप डालकर स्क्रैच कर लेते हैं। इससे एटीएम की सारी जानकारी स्कैन होकर मशीन में चली जाती है। उसके बाद वह उक्त एटीएम कार्ड धारक को उसका कार्ड दे देते हैं और सही कार्ड लगाने की विधि बताने के दौरान एटीएम के चार अंकों का पिन देख लेते हैं। फिर किसी लैपटॉप में सारी जानकारी फीड कर उस डाटा को बैंक एटीएम कार्ड में डालकर एटीएम कार्ड का क्लोन तैयार किया जाता है। चुनते हैं रात का समय :

गिरोह द्वारा रुपये की अवैध निकासी करने के लिए रात लगभग 12 बजे के पहले का समय चुना जाता है। 12 बजे के पहले वह 40 हजार रुपये निकाल सकते हैं और 40 हजार रुपये ट्रासफर कर सकते हैं। ठीक 12 बजे के बाद पुन: 40 हजार रुपये निकाल सकते हैं और 40 हजार रुपये ट्रासफर कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में एक बार में एक लाख साठ हजार रुपयों की निकासी कर लेते हैं। रात का समय होने के कारण कार्डधारक को पता भी नहीं चल पाता है। सुबह जब कार्ड धारक को मैसेज से जानकारी मिलती है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। धनबाद-बोकारो में चार-पांच गिरोह :

धनबाद-बोकारो सहित कई अन्य जिलों में है चार-पाच लोगों का गिरोह सक्रिय है। यह गिरोह दिन में एटीएम की क्लोनिंग करता है और रात में रुपयों की अवैध निकासी की जाती है। पुलिस मान रही बड़ी सफलता :

धनबाद थाना प्रभारी अशोक सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी की गिरफ्तारी के बाद साइबर अपराध से संबंधित अन्य मामलों को भी सुलझाने में मदद मिलेगी। इस अपराधी ने बहुत सी नई बातें बताई जिसके माध्यम से अब लोगों को जागरूक किया जाएगा कि वह ऐसे अपराधियों से स्वयं को कैसे बचाएं। क्लोनिंग वीडियो किया जाएगा वायरल : धनबाद थाना प्रभारी अशोक सिंह ने बताया कि साइबर अपराधी ने जिस तरह से लोगों को ठगने का तरीका बताया है वह आश्चर्य करने वाला है। लोग उसी तरह से मदद लेने के नाम पर अपराधियों के झासे में आ जाते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए इस अपराधी का वीडियो बनाकर इसे यू-ट्यूब पर अपलोड किया जाएगा। वाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से भी इसे वायरल किया जाएगा। पुलिस लिखेगी कंपनियों को पत्र :

धनबाद पुलिस अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों को पत्र लिखेगी। पुलिस का कहना है कि ऐसी मशीनों को बेचने से पूर्व तथ्यों की जाच कर लेनी चाहिए क्योंकि ऐसे मशीन साइबर क्राइम को बढ़ावा दे रहे हैं।

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