पुत्र की गोद में 90 साल के दृष्टिबाधित फैसला सुनने पहुंचे कोर्ट

धनबाद जमीन विवाद में नौ वर्ष पहले हुई मारपीट के मामले में दृष्टिबाधित चंडी प्रसाद महतो मंगलवार

By JagranEdited By: Publish:Tue, 11 Aug 2020 10:09 PM (IST) Updated:Tue, 11 Aug 2020 10:09 PM (IST)
पुत्र की गोद में 90 साल के दृष्टिबाधित फैसला सुनने पहुंचे कोर्ट
पुत्र की गोद में 90 साल के दृष्टिबाधित फैसला सुनने पहुंचे कोर्ट

धनबाद : जमीन विवाद में नौ वर्ष पहले हुई मारपीट के मामले में दृष्टिबाधित चंडी प्रसाद महतो मंगलवार को अपने पुत्र प्रदीप महतो की गोद में चढ़कर अदालत का फैसला सुनने कोर्ट पहुंचे। इस मामले में प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी संगीता की अदालत ने फैसला सुनाते हुए साक्ष्य के अभाव में चंडी समेत सभी आरोपितों को बाइज्जत बरी कर दिया। चंडी प्रसाद महतो जब पुत्र की गोद में चढ़कर अदालत पहुंचे तो सहमे-सहते थे। मामला गोविंदपुर थाना क्षेत्र के कुबरीडीह गाव की है। दो जुलाई 2011 को जमीन विवाद को लेकर भुनेश्वर महतो के साथ मारपीट की घटना हुई थी। भुवनेश्वर महतो ने चंडी प्रसाद महतो, हाकिम महतो एवं प्रदीप महतो के विरुद्ध मारपीट कर जख्मी करने का आरोप लगाते हुए अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराया था। उस वक्त चंडी महतो की उम्र 80 वर्ष थी। मंगलवार को अदालत ने चारों आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। अब चंडी प्रसाद महतो की उम्र 90 वर्ष है और वे दृष्टिबाधित भी हैं। चलने-फि रने में भी असमर्थ हैं। लिहाजा अपने पुत्र प्रदीप महतो की गोद में चढ़कर अदालत तक पहुंचे थे। फैसला सुनने के बाद चंडी प्रसाद महतो ने कहा कि उन्हें अदालत पर भरोसा था। उन्हें न्याय मिला।

गर्भपात का आरोप निकला गलत, कोर्ट ने दी जमानत

धनबाद : सरायढेला थाना क्षेत्र में नाली विवाद को लेकर हुए गोलीबारी व मारपीट के कारण गर्भपात हो जाने के मामले के आरोपित कृष्णा सिंह, गुड़िया देवी, सोनी देवी, सुशीला देवी एवं रविदेव सिंह को जिला एवं सत्र न्यायाधीश सैयद सलीम फ ातमी की अदालत ने अग्रिम जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया है। अभियोजन का संचालन अपर लोक अभियोजक मो. जब्बार हुसैन ने किया। सरायढेला निवासी रेशमी देवी ने आरोप लगाया था कि 10 जून 2020 को आरोपितों ने उसके घर में घुसकर मारपीट की थी। रविदेव सिंह ने उसके पेट पर मारा था जिससे उसका गर्भपात हो गया था। अनुसंधान में इस बात का खुलासा हुआ कि रेशमी देवी गर्भवती नहीं थी। लिहाजा अदालत ने सभी आरोपितों को जमानत पर मुक्त करने का आदेश दिया गया। बताते चलें कि नाली विवाद को लेकर हुए इस मामले में शशि देव सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी। जबकि रविदेव सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए थे। रवि देव सिंह की शिकायत पर रेशमी देवी, काशीनाथ चौधरी, अरविंद सिंह एवं विमला देवी के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया था। वही रेशमी देवी ने इन सभी के विरुद्ध मारपीट कर गर्भपात कराने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। रेशमी देवी, उसके पति अरविंद सिंह, ससुर काशीनाथ चौधरी व सास विमला देवी जेल में बंद है।

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