देश की अर्थव्यवस्था में BCCL की भागीदारी 14023 करोड़ Dhanbad News
धनबाद की आबादी 2846954 है। धनबाद की अर्थव्यवस्था में बीसीसीएल की सहभागिता 7370.81 करोड़ है। जो धनबाद जिले की कुल अर्थव्यवस्था का 83.51 फीसद है।
धनबाद, जेएनएन। कोल इंडिया की इकाई भारत कोकिंग कोल लिमिटेड इस समय काफी विकट स्थिति से गुजर रही है। कहीं जमीन न मिलने के कारण तो कभी आंदोलन के कारण उत्पादन बाधित हो रहा है। ऐसे में बीसीसीएल प्रबंधन ने साफ कर दिया है कि इस कंपनी के बिना धनबाद की परिकल्पना अधूरी है। बीसीसीएल की देश और धनबाद की अर्थव्यवस्था में सहभागिता से संबंधित डाटा भी तैयार किया है। इसमें कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में बीसीसीएल का कुल योगदान 14,023 करोड़ है।
धनबाद की आबादी 28,46,954 है। धनबाद की अर्थव्यवस्था में बीसीसीएल की सहभागिता 7370.81 करोड़ है। जो धनबाद जिले की कुल अर्थव्यवस्था का 83.51 फीसद है। कंपनी कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन का 75 फीसद धनबाद में ही खर्च होता है। बीसीसीएल प्रबंधन ने डाटा निकालकर बुकलेट तैयार की है। इसे सार्वजनिक कर धनबादवासियों को जानकारी दी जाएगी। उनसे कंपनी के उत्थान में सहयोग की अपील की जाएगी। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि आज बीसीसीएल का उत्पादन एक लाख टन से घटकर औसतन 40 से 45 हजार टन तक आ गया है। हालांकि कोयला स्टॉक से 11 लाख टन माल निकल जाने से कंपनी को प्रथम तिमाही में मुनाफा हुआ है। उत्पादन गिरने से मुनाफे को बरकरार रखना कठिन होगा। क्योंकि अब कोयला स्टॉक केवल 15 लाख टन बचा है। श्रम संगठनों को भी प्रबंधन ने सारे हालात से अवगत कराया है।
राज्य सरकार को कंपनी देती 3508.46 करोड़ राजस्व : राज्य सरकार को बीसीसीएल करीब 3508.46 करोड़ राजस्व के रूप में भुगतान करती है। इसमें कोयले पर रॉयल्टी, जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट, राष्ट्रीय खनिज अन्वेषण ट्रस्ट, कोयले पर उपकर, मूल्य वर्धित कर (वैट), केंद्रीय उत्पाद शुल्क, आयकर, धनबाद में भुगतान किया गया बाजार कर (माडा), व्यवसायिक कर, जीएसटी समेत कई मदों में राशि देती है। सरकार को अप्रत्यक्ष रूप से आर्थिक योगदान के रूप में 3226.93 करोड़ रुपये बीसीसीएल कर्मचारियों द्वारा आयकर के मद में दिया जाता है। इसके अलावा 2620.6 करोड़ की रकम कंपनी कॉस्ट मेटेरियल, पावर सप्लाई, सीआइएसएफ, ठेका कार्य व ठेका कर्मियों के लिए देती है।
बीसीसीएल का धनबाद की अर्थव्यवस्था पर क्या असर है। इससे संबंधित एक रिपोर्ट तैयार की गई है। बीसीसीएल के बिना तो धनबाद की परिकल्पना ही नहीं कर सकते। कंपनी को उंचाई तक पहुंचाने के लिए यहां के लोग सहयोग करें।
- राकेश कुमार, निदेशक तकनीकी, बीसीसीएल
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