Chaiti Chhath 2020: उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही चैती छठ संपन्न, कोरोना संकट का दिखा असर
बोकारो के सेक्टर तीन स्थित गार्डन तालाब में छठ व्रतियों ने उदयीमान भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। इस दाैरान कोरोना संकट के बावजूद आस्था में कोई कमी नहीं दिखी।
धनबाद, जेएनएन। लोक आस्था का महापर्व छठ (Chhath) मंगलवार को छठ व्रतियों द्वारा उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। हालांकि कोराना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन के कारण इस बार बहुत कम व्रतियों ने तालाब, नदी और पोखर में जाकर उगते हुए सूर्य अर्घ्य दिया। अर्घ्य देने के लिए व्रतियों ने अपने-अपने घरों में ही व्यवस्था की थी। किसी ने टब तो किसी ने घर के अंदर ही बनाए गए अस्थायी छोटे कुंड में खड़ा होकर भगवान भास्कर की पूजा की।
बोकारो संवाददाता के अनुसार चार दिनों तक चलने वाला छठ महापर्व मंगलवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया। कोरोना का संक्रमण को लेकर शारीरिक दूरी रखने को लेकर अधिकांश लोगों अपने घर में ही रहकर पूजा की। छठ का पर्व में बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर एक, सेक्टर दो, सेक्टर तीन, सेक्टर चार, सेक्टर पांच, सेक्टर छह, सेक्टर आठ, सेक्टर नौ, सेक्टर ग्यारह, सेक्टर बारह, को-ऑपरेटिव कॉलोनी, बारी को-ऑपरेटिव कालोनी, रीतूडीह, कुर्मीडीह, रेलवे कालोनी, चीरा चास, चास के गुजरात कालोनी, भोजपुर कालोनी, कैलाश नगर, राम नगर कालोनी, कुंवर सिंह कालोनी, आदर्श कालोनी, यदुवंश नगर, तेलीडीह रोड, आइटीआइ मोड़, योधाडीह मोड़ के श्रद्धालुओं ने छठी मइया व भगवान भास्कर की पूजा-अर्चना की।
लॉक डाउन का दिखा असर
कोरोना के संक्रमण को लेकर सरकार व प्रशासन की अपील का असर दिखा। अन्य वर्षों के अपेक्षा दस प्रतिशत लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। वहीं लोग घर से बाहर निकले जिनके घर के समीप कोई घाट था। इनमें कुछ श्रद्धालु व व्रती विभिन्न तालाब, सरोवर व गरगा नदी के तट पर पहुंचे। जबकि अधिकांश श्रद्धालुओं ने अपने बागान व घर की छत पर ही खड़े होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। लोगों ने प्रशासन की अपील को माना व बागान में गड्ढ़ा खोद कर इसमें पानी भरा। इसके बाद गड्ढ़े में खड़ा होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया।