नौसेना को मिल रही सेल की ताकत, आईएनएस विशाखापट्टनम में हुआ बोकारो के स्टील का उपयोग

रक्षा जरूरतों के अनुसार भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन स्टील का ग्रेड को बनाता है। उस ग्रेड का फार्मूला बीएसएल और सेल के अन्य इकाइयों को देता है। जहां से स्टील बनाकर रक्षा उत्पादन करने वाली कंपनियों को दिया जाता है। सेल द्वारा आपूर्ति की गई।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 27 Nov 2021 05:59 PM (IST) Updated:Sat, 27 Nov 2021 05:59 PM (IST)
नौसेना को मिल रही सेल की ताकत, आईएनएस विशाखापट्टनम में हुआ बोकारो के स्टील का उपयोग
बोकारो स्टील से निर्मित आइएनएस विशाखापट्टनम ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, बोकारो : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान को गति देते हुए बोकारो स्टील के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। सबसे पहले आइएनएस विक्रांत, आइएनएस कवरत्ती के बाद स्वदेशी युद्धपोत आईएनएस विशाखापट्टनम में बोकारो स्टील के इस्पात का उपयोग हुआ है। बोकारो स्टील ने 166 टन डीएमआर-249 ए ग्रेड का इस्पात आपूर्ति किया था। हालांकि, गुरुवार को शामिल किए गए आइएनएस वेला प्रोजेक्ट के लिए बोकारो का स्टील नहीं लगा है। इसमें सेल के दूसरे स्टील प्लांट के स्टील का उपयोग किया गया है पर भविष्य में चल रही परियोजनाओं में बोकारो स्टील को बड़ा आर्डर मिला है। इसमें स्वदेशी युद्धपोत, पनडुब्बी, डीएसभी के लिए आर्डर मिला है। फिलहाल कुछ नये श्रेणी के इस्पात को भी निर्माण करने की प्रक्रिया चल रही है ताकि रक्षा क्षेत्र की कंपनियों व संस्थानों को दूसरे देश पर आश्रित नहीं रहना पड़े।

डीआरडीओ विकसित करता है ग्रेड :

रक्षा जरूरतों के अनुसार भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन स्टील का ग्रेड को बनाता है। उस ग्रेड का फार्मूला बीएसएल और सेल के अन्य इकाइयों को देता है। जहां से स्टील बनाकर रक्षा उत्पादन करने वाली कंपनियों को दिया जाता है। सेल द्वारा आपूर्ति की गई इस्पात डीएमआर-249 ए श्रेणी की है। जिसे डीआरडीओ ने विकसित किया था। सबसे पहले इसका प्रयोग आईएनएस विक्रांत में वर्ष 2013 में हुआ था। इससे पहले इस प्रकार का इस्पात विदेशों से मंगाए जाते थे। डीएमआर-249 ए एक विशेष प्रकार का इस्पात है जो लंबे समय तक पानी में रहने के बाद भी इसमें जंग नहीं लगता है। यही नहीं गर्मी और ठंड का भी इस पर असर नहीं पड़ता है अब जबकि भारत में युद्धपोत और सेना के लिए पानी के जहाज को बनाने का काम चल रहा है जिसमें सेल अपनी अग्रणी भूमिका निभा रही है।

नौसेना के लिए तीन ग्रेड का हो रहा उत्पादन :

1. डीएमआर-249 ए --इसका उपयोग युद्धपोत के लिए होता है।

2. डीएमआर -292 ए ---पनडुब्बी व परमाणु पनडुब्बी के बनाने के लिए।

3.आईआरएस ग्रेड --. इसका उपयोग युद्धपोत, पनडुब्बी व डीएसभी में किया जाता है।

वर्जन

सेना की जरूरतों को पूरा करना सेल की पहली प्राथमिकता में है। आइएनएस विक्रांत और कवरत्ती के बाद आइएनएस विशाखापटनम में बोकारो स्टील लगाया गया है। फिलहाल डीएमआर श्रेणी तथा डीएसभी के लिए इस्पात का आर्डर है। सेन की जरूरतों को बोकारो स्टील प्राथमिकता के आधार पर पूरा करता रहा है। वर्तमान आर्डर को पूरा किया जा रहा है।

मणिकांत धान, प्रमुख संचार

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