नई दिल्ली ग्रैंड कार्ड रेल लाइन से कुछ दूरी पर जमीन धंसने की जांच शुरू

निरसा हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन से 40 मीटर दूर मुगमा व थापरनगर रेलवे स्ट

By JagranEdited By: Publish:Wed, 10 Jun 2020 06:42 PM (IST) Updated:Wed, 10 Jun 2020 06:42 PM (IST)
नई दिल्ली ग्रैंड कार्ड रेल लाइन से कुछ दूरी पर जमीन धंसने की जांच शुरू
नई दिल्ली ग्रैंड कार्ड रेल लाइन से कुछ दूरी पर जमीन धंसने की जांच शुरू

निरसा : हावड़ा-नई दिल्ली ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन से 40 मीटर दूर मुगमा व थापरनगर रेलवे स्टेशन के बीच श्यामपुर पुराना ऑफिस के समीप सोमवार की रात भूधंसान होने से रेलवे से लेकर ईसीएल में हड़कंम मच गया है। घटना के बाद भूधंसान स्थल की भराई तेज कर दी गई है। ईसीएल जेसीबी के माध्यम से भूधंसान स्थल को भरवा रहा है। एमपीएल ने भूधंसान के कारण अंदर चले गए दो सिग्नल बॉक्स व रेलवे स्लीपर को निकलवाया। भूधंसान स्थान से पूरब की ओर बिछाए गए लगभग 20 फीट तक रेल पटरी व स्लीपर को हटवाकर सुरक्षित स्थान पर रखवाया। सुरक्षा की दृष्टि से ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन पर थापरनगर स्टेशन से खुदिया नदी ब्रिज के बीच मालगाड़ी व एक्सप्रेस ट्रेन 30 से 50 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से गुजारी जा रही है। इस बीच भूधंसान से ग्रैंड कार्ड रेलवे लाइन को उत्पन्न खतरा की आंशका से रेलवे व ईसीएल स्तर पर जांच तेज कर दी गई है, ताकि भविष्य में कोई खतरा उत्पन्न नहीं हो। बुधवार को ईसीएल मुगमा क्षेत्र के जीएम सीबी सिंह व आसनसोल रेल मंडल के वरीय खनन सलाहकार आरके सिंह दिन में 12 बजे अपने विभागीय अधिकारियों के साथ भूधंसान स्थल पहुंचे। ईसीएल व रेलवे अधिकारियों ने अपने-अपने सर्वे विभाग से उपलब्ध करवाए गए नक्शे के साथ घटनास्थल व आसपास के क्षेत्रों का अवलोकन किया। ईसीएल जीएम अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल्द से जल्द इस क्षेत्र का सर्वे कर भूधंसान व आसपास के प्रभावित क्षेत्र के मार्किंग कर लाल झंडा लगाकर किसी के भी प्रवेश पर रोक लगाएं। निरीक्षण के दौरान ईसीएल व रेलवे सर्वे अधिकारी माथापच्ची करते रहे। दोनों विभागों के सर्वे नक्शे में कई स्थानों पर अंतर मिला। दोनों तरह तरफ से अधिकारी इस बात पर रजामंद थे कि मामला काफी गंभीर है। ईसीएल व रेलवे के वरीय अधिकारियों के साथ बैठक कर समस्या का समाधान निकालने की दिशा में सार्थक प्रयास होना चाहिए। वहीं एमपीएल के जीएम सुरेश खेतवानी व एजीएम मनोज समैयर ने भी भूधंसान स्थल का निरीक्षण का मुआयना किया। वहां कार्यरत एमपीएल व एलएनटी के कर्मियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।

मालूम हो कि भूधंसान से एमपीएल के रेल लाइन निर्माण का हिस्सा 15 फीट नीचे धंस गया था। निरीक्षण में आसनसोल रेल डिवीजन के सहायक अभियंता विनोद कुमार व अन्य कर्मी, ईसीएल मुगमा क्षेत्र के सर्वे पदाधिकारी विभूति भूषण तिवारी, सेफ्टी ऑफिसर अजय शर्मा, संजय कुमार सिंह, ईसीएल सिक्योरिटी पदाधिकारी राजा पॉल आदि मौजूद थे।

एक-दूसरे पर दोषारोपण करने में लगी दोनों एजेंसियां

भूधंसान की घटना के बाद रेलवे व ईसीएल की दोनों एजेंसियां एक-दूसरे पर दोषारोपण करने में लगी हुई है। ईसीएल प्रबंधन का आरोप है कि रेलवे व एमपीएल ने रेलवे निर्माण के लिए कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया। वहीं रेलवे का कहना है कि रेलवे की सुरक्षा सीमा के 45 मीटर के बाहर ही किसी प्रकार का खनन कार्य हो सकता है, लेकिन ईसीएल प्रबंधन ने रेलवे की सुरक्षा सीमा के 25 मीटर अंदर घुसकर खनन किया है। ईसीएल मुगमा जीएम सीबी सिंह ने कहा कि यहां रेल लाइन का निर्माण नहीं होना चाहिए क्योंकि यह क्षेत्र सुरक्षित नहीं है। पूर्व में निजी कंपनियों व ईसीएल द्वारा खनन का कार्य किया गया है। वहीं आसनसोल रेल मंडल के वरीय खनन सलाहकार आरके सिंह ने कहा कि जिस स्थान पर एमपीएल के रेल लाइन का निर्माण हो रहा है वह रेलवे की जमीन है। अपनी जमीन पर निर्माण के लिए रेलवे दूसरे से अनापत्ति प्रमाण पत्र क्यों लेगा। रेलवे की जमीन की सुरक्षा सीमा के 45 मीटर पहले ही किसी भी प्रकार का खनन का नहीं करना है। ईसीएल की ओर से खनन कार्य के बाद सही से भराई नहीं होने का परिणाम है कि यह घटना घटित हुई है। इन सारे तथ्यों से वरीय पदाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा।

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