गिरिराज की पूजा से पूरी होती भक्तों की मनोकामना

संस कतरास जब-जब धरती पर भक्तों को जीना दुर्लभ होता है तब तब भगवान स्वयं किसी न किसी रुप म

By JagranEdited By: Publish:Sat, 07 Sep 2019 06:48 PM (IST) Updated:Sun, 08 Sep 2019 06:36 AM (IST)
गिरिराज की पूजा से पूरी होती भक्तों की मनोकामना
गिरिराज की पूजा से पूरी होती भक्तों की मनोकामना

संस, कतरास : जब-जब धरती पर भक्तों को जीना दुर्लभ होता है, तब तब भगवान स्वयं किसी न किसी रुप में अवतार लेते हैं। जब राजा कंस के अत्याचार से प्रजा त्राहिमाम कर रही थी तब प्रजा के स्मरण से भगवान विष्णु स्वयं कृष्ण के रुप में धरती पर आए। देवकी व वासुदेव की आठवीं संतान के रुप में मथुरा के कारागार में उनका जन्म हुआ। राजा कंस को आकाशवाणी हुई थी कि उसकी बहन देवकी की आठवीं संतान उसका वध करेगा। मौत से बचने के लिए राजा कंस ने अपनी बहन देवकी और वासुदेव को कारागार में बंद कर दिया और जन्म लेने वाले सभी पुत्रों को मारने लगा। भक्तों के बुलावे पर प्रभु दौड़ृे चले आते हैं। यह बात कतरास के राजस्थानी समाज भवन में आयोजित श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञानयज्ञ के चौथे दिन शनिवार को आचार्य सतीश महाराज ने कही। संगीतमय प्रवचन का श्रोताओं ने भरपूर आनंद लिया। उन्होंने कहा कि भक्त भगवान को जिस भावना से बुलाते हैं वे उसी भाव से उनके घर पहुंच जाते हैं। जो गिरिराजजी का पूजन करते हैं उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।

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