Dhanbad: लिवर ट्रांसप्लांट के आरव पूरी तरह स्वस्थ, पिता वेल्लोर से आज आएंगे धनबाद

धनबाद की जनता के मदद के बाद लगभग 25 लाख रुपए खर्च करके मासूम आरव का लिवर ट्रांसप्लांट सफल रहा है। वेल्लोर में लिवर ट्रांसप्लांट के बाद दोनों मां-बेटे को आईसीयू में रखा गया था। अब अस्पताल से दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 04:53 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 04:53 PM (IST)
Dhanbad: लिवर ट्रांसप्लांट के आरव पूरी तरह स्वस्थ, पिता वेल्लोर से आज आएंगे धनबाद
वेल्लोर में लिवर ट्रांसप्लांट के बाद दोनों मां-बेटे को आईसीयू में रखा गया था। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद: धनबाद की जनता के मदद के बाद लगभग 25 लाख रुपए खर्च करके मासूम आरव का लिवर ट्रांसप्लांट सफल रहा है। वेल्लोर में लिवर ट्रांसप्लांट के बाद दोनों मां-बेटे को आईसीयू में रखा गया था। अब अस्पताल से दोनों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। हालांकि दोनों वेल्लोर में ही अब किराए के मकान में 2 महीने तक रहेंगे। आरव के पिता अजय साहू आज बुधवार शाम को धनबाद आने वाले हैं। समाजसेवी और स्वयंसेवी संस्थाओं के मदद के कारण धनबाद में लगभग 25 लाख रुपए ऑपरेशन के लिए जुटाए गए। 4 महीने के आरव को लिवर ट्रांसप्लांट उसकी मां रानी बेबी ने किया है। डॉक्टरों के मुताबिक मां और बेटे दोनों स्वस्थ हैं। ऑपरेशन के बाद दोनों के लिवर में काफी सुधार हो रहा है। लिवर ट्रांसप्लांट के बाद आरव के पेट के लिवर को पूरी तरह से बाहर निकाल दिया गया था। इसके बाद उसकी मां रानी देवी के लीवर के 25% भाग को बेटे में लगाया गया है।

अभी 2 वर्ष तक करनी होगी विशेष निगरानी

डॉक्टरों की माने तो मां और बेटे दोनों का ऑपरेशन सफल रहा है। हालांकि पहले 3 महीने तक वातानुकूलित कमरे में मां बेटे को रहना होगा। इस दौरान हर 1 सप्ताह डॉक्टर उनकी जांच करेंगे। इसके आगे 2 वर्ष तक दोनों मां-बेटे की निगरानी की जाएगी। किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इससे पहले लिवर ट्रांसप्लांट के लिए स्वास्थ्य विभाग ने ₹500000 असाध्य रोग निधि के तहत दिया। वही बाकी पैसे अजय चंदा और अपने जरूरी सामानों को बेचकर पूरा किया। फिलहाल आरव के माता-पिता भी काफी खुश हैं।

मनाइटांड़ में रहता है परिवार

आरव का परिवार मनाइटांड़ में रहता है। पिताा अजय साहू निजी काम करके किसी तरीकेेेेेेे से घर परिवार चलात हैं। जन्म के बाद से ही बच्चे को जौंडिस की बीमारी हो गई थी। इसकेेे बाद से उसकी तबीयत लगातार खराब होती रही। जांच के बाद उसका लीवर खराब पाया गया।

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