एक-एक पाई जुटाकर बचाई दोस्त की जान; अभिनेता सोनू सूद ने भी की मदद, हैदराबाद में हुआ सफल लीवर ट्रांसप्लांट Dhanbad News

धनबाद के छात्रों ने अपने दोस्त की जान बचाने के लिए 20 दिन में 14 लाख रुपए जुटा लिए। कई अन्य स्कूलों के शिक्षकों व छात्रों ने भी उनकी मदद की। इसके बाद अनूप का सफल लीवर ट्रांसप्लांट किया गया। इस दिनों वह हैदराबाद में चिकित्सकों की देखरेख में हैं।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Sat, 10 Oct 2020 11:58 AM (IST) Updated:Sun, 11 Oct 2020 11:31 AM (IST)
एक-एक पाई जुटाकर बचाई दोस्त की जान; अभिनेता सोनू सूद ने भी की मदद, हैदराबाद में हुआ सफल लीवर ट्रांसप्लांट Dhanbad News
लीवर ट्रांसप्लांट के बाद हैदराबाद के अस्पताल में अनूप।

धनबाद, [आशीष सिंह]। डिनोबिली स्कूल धनबाद के कई बच्चों ने लीवर की बीमारी से जूझ रहे अपने एक दोस्त की जान बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। एक-एक पाई जुटाकर मौत के मुंह से खींच लाए। स्कूल में सभी साथ बैठते थे, पढ़ते भी साथ थे और शरारतें भी खूब करते थे। अचानक एक दिन पता चला कि उनका एक सहपाठी अनूप कुमार वर्णवाल असाध्य बीमारी क्रोनिक लीवर डिजीज से जूझ रहा है। डॉक्टर ने कहा कि जल्द इलाज नहीं हुआ तो कुछ भी हो सकता है। इलाज के लिए करीब 28 लाख रुपए की जरूरत थी, लेकिन अनूप के घर की हालत इतनी अच्छी नहीं है कि वह इतने पैसों का इंतजाम कर पाता।

फिर क्या था, साथ पढ़नेवाले दोस्त भला ऐसे कैसे अपने साथी को मौत के मुहाने पर छोड़ देते। दोस्तों ने अनूप के इलाज का बीड़ा उठाया। अब समस्या यह थी कि इतने पैसों का इंतजाम करना उनके वश का भी नहीं था। ऐसे में उन्होंने अपने परिचितों से लेकर फेसबुक दोस्तों से इस नेक काम में मदद मांगनी शुरू की। छात्रों ने अपने जिगरी यार को किसी भी कीमत पर बचाने की ठानी और अनूप की जिंदगी बचाने के लिए दिन-रात एक कर 20 दिनों में 14 लाख 45 हजार 440 रुपये जुटा लिए। कुछ पैसे परिवार ने भी जुटाए। अब किसी तरह ऑपरेशन के पैसों का इंतजाम हो गया है। अनूप एआइजी अस्पताल हैदराबाद में लगभग एक माह से इलाजरत है। काफी रुपये अस्पताल, खाने और मकान के किराए पर खर्च हो गए।

अनूप के इलाज के लिए अभी पांच लाख रुपए की जरूरत थी। इन्ही दोस्तों में से एक अक्षिका सिंह ने अनूप की बीमारी बताते हुए अभिनेता सोनू सूद से मदद मांगी। 30 सितंबर को लीवर ट्रांसप्लांट होना था। सोनू ने भी देर किए बिना पांच लाख रुपए की मदद भेज दी। इसके बाद अनूप का सफल लीवर ट्रांसप्लांट किया गया। मां किरण देवी ने अनूप को लीवर डोनेट किया। इस दिनों हैदराबाद में चिकित्सकों की देखरेख में हैं। दोस्त को खतरे से बाहर जान सभी फूले नहीं समा रहे हैं। आखिरकार सपोर्ट फॉर अनूप मुहिम रंग लाई और कुछ दोस्तों ने एक दोस्क की जान बचा ली। स्कूली छात्रों की संवेदनशीलता और इस नेक काम को हर कोई सराह रहा है। सभी ने इसी साल 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की है। अनूप के इलाज के लिए डिनोबली स्कूल समेत दर्जनभर से अधिक स्कूलों, शिक्षकों, छात्रों, सोसायटी व संगनों ने भी बढ़-चढ़कर मदद की है।

बेटे को लीवर डोनेट करने के बाद अनूप की मां किरण देवी।

मुहिम के लिए सोशल मीडिया का भी लिया सहारा : अनूप की जिंदगी बचाने की मुहिम के संयोजक विश्रुत वीरेंद्र ने बताया कि रुपए जुटाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया। 20 दिनों से सभी दोस्त उसके लिए ऑनलाइन सपोर्ट मांग रहे हैं। फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, ट्वीटर, फोन जैसे हर तरीके का उपयोग कर रहे हैं। सपोर्ट अनूप मुहिम से शहर के कई स्कूलों के वर्तमान व पूर्व छात्र जुड़ गए हैं। आदित्य शर्मा, राधा बनर्जी, दिव्यम, अंकुर सिंह, ऋषि शर्मा, आरफा, अलमास खान, अक्षिका सिंह समेत कई छात्र पढ़ाई से समय निकाल कर इस अभियान को गति दे रहे हैं।

पिता लगाते हैं ठेला : जय प्रकाश नगर के रहने वाले अनूप के पिता प्रदीप वर्णवाल बरटांड एलआइसी कार्यालय के सामने ठेले पर फल बेचते हैं। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। मां किरण भी गृहिणी हैं। अनूप इनका इकलौता बेटा है। हैदराबाद के एआइजी अस्पताल की आइसीयू में भर्ती अनूप के इलाज पर प्रतिदिन लगभग 48 हजार रुपए खर्च हो रहा था। पैसे के अभाव में तीन बार अनूप का ऑपरेशन टला।   

धनबाद के प्रबुद्ध लोगों से दोस्त की जिंदगी बचाने के लिए गुहार लगाई थी। स्कूल के कुछ शिक्षकों ने भी सहायता को हाथ बढ़ाया। बांग्ला वेलफेयर सोसायटी और कई सामाजिक संगठनों ने भी मदद की, लेकिन खर्च अधिक होने पर हम दोस्तों ने रुपए जुटाने का जिम्मा उठाया। स्कूल के पूर्व और वर्तमान छात्रों और दूसरे स्कूल के विद्यार्थियों ने भी मदद की। अभिनेता सोनू सूद ने भी पांच लाख रुपए की मदद की। हमें विश्वास था कि हम सब मिलकर अनूप को जरूर बचा लेंगे। -विश्रुत वीरेंद्र, संयोजक सपोर्ट अनूप।

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