निजी अस्पताल पर आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी का आरोप; 10 दिनों तक मरीज को भर्ती रखा, पर नहीं किया ऑपरेशन Dhanbad News

धनबाद के एक निजी अस्पताल में एक मरीज के परिजन और अस्पताल प्रबंधन के बीच जमकर बहस हुई। यहां मरीज के परिजनों ने प्रबंधन पर आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी करने का आरोप लगाया है।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 04:28 PM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 04:54 PM (IST)
निजी अस्पताल पर आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी का आरोप; 10 दिनों तक मरीज को भर्ती रखा, पर नहीं किया ऑपरेशन Dhanbad News
निजी अस्पताल पर आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी का आरोप; 10 दिनों तक मरीज को भर्ती रखा, पर नहीं किया ऑपरेशन Dhanbad News

धनबाद, जेएनएन। गोविंदपुर थाना क्षेत्र के सीधाटांड स्थित एक निजी अस्पताल में बुधवार की रात एक मरीज के परिजनों ने जमकर बवाल मचाया। उनका आरोप है कि अस्पताल प्रबंधन ने आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद मरीज से पैसा ले लिया था। साथ ही 10 दिनों तक मरीज को अस्पताल में रखने के बाद भी उसका ऑपरेशन नहीं किया जा रहा था। इसको लेकर परिजन काफी आक्रोशित थे। इसके बाद बीती रात परिजन और अस्पताल प्रबंधन के बीच जमकर हंगामा हुआ। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सभी को समझाकर मामले को शांत करवाया।

परिजनों का कहना है कि आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद अस्पताल प्रबंधन ने मरीज से पांच हजार रुपए ले लिए थे। 10 दिनों तक अस्पताल में भर्ती रखने के बाद ऑपरेशन भी नहीं किया जा रहा था। पहले कोरोना जांच कराने की बात कही गई। कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी डॉक्टर बहाना बनाकर ऑपरेशन टाल रहे थे और मरीज को डिस्चार्ज करने के लिए बोला जा रहा था। इसको लेकर मरीज के परिजन आक्रोशित हो गए।

आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी : परिजनों ने आरोप लगाया है कि आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी करने के लिए सिर्फ मरीज को भर्ती कराया जाता है। साथ ही कुछ कागजों पर हस्ताक्षर लेकर बगैर ऑपरेशन के ही कई मरीजों को इसी प्रकार अस्पताल प्रबंधन की ओर से घर भेज दिया जाता है। इस प्रकार की शिकायत बराबर इस अस्पताल में मिलती रहती है। हालांकि, मामले की सूचना पाकर गोविंदपुर पुलिस मौके पर पहुंची। इसके बाद प्रबंधन ने इलाज के लिया गया पैसा मरीज को वापस दे दिया। तब जाकर मामला शांत हुआ.

अस्पतालों की होनी चाहिए जांच : अस्पताल प्रबंधक विवेक कुमार ने बताया कि आयुष्मान कार्ड के तहत किसी प्रकार का कार्य इस मरीज का अब तक नहीं किया गया है। एनेस्थेटिक डॉक्टर के नहीं आने के कारण ऑपरेशन नहीं हो पाया। इसे लेकर मरीज के परिजनों ने हंगामा कर दिया तो मजबूरन पैसा वापस किया जा रहा है। इधर, परिजनों ने आयुष्मान कार्ड को लेकर अस्पताल प्रबंधन पर हेराफेरी के आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में इसकी जांच भी जरूर होनी चाहिए। क्योंकि जिले के कई अस्पतालों में आयुष्मान कार्ड में हेराफेरी का मामला कई बार सामने आ चुका है।

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