भू-अर्जन विभाग पर आयकर दर्ज करेगा प्राथमिकी

- जमीन और कर्मचारियों का टीडीएस काटकर एक साल तक जमा नहीं किया - सवा दो करोड़ रुपये का चालान भी पेंड

By Edited By: Publish:Fri, 29 Jul 2016 01:03 AM (IST) Updated:Fri, 29 Jul 2016 01:03 AM (IST)
भू-अर्जन विभाग पर आयकर दर्ज करेगा प्राथमिकी

- जमीन और कर्मचारियों का टीडीएस काटकर एक साल तक जमा नहीं किया

- सवा दो करोड़ रुपये का चालान भी पेंडिंग, नहीं दाखिल हुआ रिटर्न

जागरण संवाददाता, धनबाद : भू-अर्जन विभाग की कारस्तानी ने आयकर विभाग को भी हैरत में डाल दिया है। परत दर परत खुलासा होने के बाद आयकर विभाग ने भू-अर्जन विभाग पर प्राथमिकी दर्ज कराने का फैसला लिया है। दरअसल गुरुवार को आयकर विभाग के टीडीएस विंग ने आइटीओ आरके गर्ग के नेतृत्व में भू-अर्जन विभाग में सर्वे किया। इससे पहले भी टीडीएस के संबद्ध में टीडीएस शाखा की ओर से कई बार नोटिस भी दी गई, प्राथमिकी तक दर्ज कराने की भी बात कही गई। लेकिन भू-अर्जन विभाग ने इसे अनसुना कर दिया। गुरुवार को यहां किए गए सर्वे में टीडीएस विंग को व्यापक मात्रा में गड़बड़ी मिली है। सबसे चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि भू-अर्जन विभाग ने 2012-13 में जमीन और कर्मचारियों के वेतनमद में टीडीएस तो काट लिया, लेकिन एक वर्ष तक जमा ही नहीं किया। इसके अलावा यहां सवा दो करोड़ रुपये का चालान लंबित है, इसका रिटर्न तक दाखिल नहीं किया गया। इसकी वजह से रिटर्न क्लेम की गुंजाइश लगभग खत्म हो जाती है। यानी सवा दो करोड़ रुपये का सीधा-सीधा नुकसान। आयकर टीडीएस मद में विभाग का साढे़ चार लाख रुपये बकाया है। इसके लिए आयकर विभाग की ओर से चार अगस्त तक का समय दिया गया है। इसके बाद प्राथमिकी की कार्रवाई की जाएगी।

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भू-अर्जन में गड़बड़ी ही गड़बड़ी

- खाली जमीन पर कुल राशि पर दस फीसद टीडीएस काटने का प्रावधान है, लेकिन भू-अर्जन विभाग एक रुपया भी नहीं काट रहा है।

- यदि जमीन पर मकान बनाया गया है तो जमीन और मकान दोनों की कुल लागत पर दस फीसद टीडीएस काटा जाना है।

- विभाग सिर्फ मकान की लागत पर टीडीएस काट रहा है, जमीन का मूल्य ज्यों का त्यों छोड़ दे रहा है।

- भू-अर्जन विभाग साल में सिर्फ एक बार फरवरी माह में अपने कर्मचारियों का टीडीएस काटता है।

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भू-अर्जन विभाग में व्यापक स्तर पर गड़बड़ी मिली है। चाहे वह जमीन पर दस फीसद टीडीएस काटना हो, कर्मचारियों का टीडीएस काटकर एक साल तक जमा न करना हो या फिर चालान पेंडिंग कर रिटर्न दाखिल न किया जाना हो। हर तरफ से गड़बड़ी है। समय दिया गया है, इसके बाद प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।

- आरके गर्ग, आइटीओ टीडीएस विंग

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