बच्चों को भविष्य संवारने में अभिभावक आएं आगे

शनिवार को जिले के 600 विद्यालयों के 1000 प्रतिभागियों के साथ जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन अभिभावक शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 May 2020 07:46 PM (IST) Updated:Sun, 24 May 2020 06:09 AM (IST)
बच्चों को भविष्य संवारने में अभिभावक आएं आगे
बच्चों को भविष्य संवारने में अभिभावक आएं आगे

देवघर : उपायुक्त नैंसी सहाय की अध्यक्षता में शनिवार को जिले के 600 विद्यालयों के 1000 प्रतिभागियों के साथ जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन अभिभावक शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। शेष विद्यालयों में गूगल मीट के माध्यम से यह कार्यक्रम हुआ। अभिभावकों को उनके बच्चों के दक्षता व डीजी साथ के बारे में विस्तार से बताया गया। इसके अलावा अभिभावकों की भूमिका पर भी चर्चा की गई। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डीसी नैंसी सहाय ने कहा कि शिक्षा विभाग बच्चों को डीजी साथ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। चुनौतियों के निवारण के लिए ई-गुरुगोष्ठी की जा रही है। डीडी झारखंड के माध्यम से भी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। ऐसे स्थिति में अभिभावकों को भी अपने बच्चों का भविष्य संवारने की प्रक्रिया में आगे आने की जरूरत है।

कोरोना संक्रमण के रोकथाम पर करें विचार : नैंसी सहाय ने कहा कि शिक्षा का मतलब किताबी ज्ञान ही नहीं होता है बल्कि सर्वांगीण विकास के लिए क्विज, चित्रांकन, पोस्टर निर्माण आदि प्रतियोगिता सहित अन्य गतिविधियों को दिनचर्या में शामिल करने की आवश्यकता है। लॉकडाउन के कारण भावनात्मक रूप से कमजोर होने से बेहतर है कि जारी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कोरोना संक्रमण के रोकथाम पर विचार करें। समीक्षा कर रही हैं, सब कुछ ठीक रहा तो विद्यालयों को पुन: खोलने की अनुमति दी जाएगी। बच्चों की शिक्षा सामूहिक जिम्मेदारी : जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ. माधुरी कुमारी ने कहा कि यह पहली बार है जब एक साथ इतने अभिभावक एक साथ बच्चों के शिक्षा को लेकर एक मंच पर आए हैं जो सराहनीय है। बच्चों की शिक्षा एक सामूहिक जिम्मेदारी है और इसमें शिक्षकों के साथ अभिभावकों का सहयोग अपेक्षित है। अभिभावकों से अनुरोध किया कि संबंधित विद्यालयों के वाट्सएप ग्रुप में जुड़े एवं अपने बच्चों को डिजिटल कंटेंट के माध्यम से लाभान्वित करें।

प्रोजेक्ट साथ-ई के राज्य प्रतिनिधि सुजीत कुमार ने कहा कि सामूहिक भागीदारी के माध्यम से डिजी साथ के उद्देश्यों को प्राप्त कर सकते हैं। आरएन शाही उवि के अतुल कुमार राय व मवि डोराडुमन की शिक्षिका तरन्नुम आरा ने डिजी शिक्षा के अंतर्गत अपने अनुभवों को साझा किया। उर्दू मकतब की शिक्षिका सोमा राणा ने कोरोना वायरस के रोकथाम हेतु उपायों पर चर्चा की। कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रा श्रावणी व खुश्बू ने भी डीजी साथ कार्यक्रम के अनुभवों को साझा किया।

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