कोरोना को लेकर ना लें मानसिक तनाव

जागरण संवाददाता देवघर कोरोना सुनते ही मन में कहीं ना कहीं एक डर समा जाता है। संक्र

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 10:36 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 10:36 PM (IST)
कोरोना को लेकर ना लें मानसिक तनाव
कोरोना को लेकर ना लें मानसिक तनाव

जागरण संवाददाता, देवघर : कोरोना सुनते ही मन में कहीं ना कहीं एक डर समा जाता है। संक्रमण काल में तमाम लोग कुछ ऐसी ही मनोदशा से गुजर रहे है। अधिकांश समय संक्रमण से बचने के उपायों और कोरोना काल का हाल जानने में बिता देते है। टीवी, मोबाइल और अखबारों में छपी खबरों में कोरोना से जुड़ी खबरों को पढ़कर समय व्यतीत कर रहे है। इस वजह से लोग मानसिक तनाव से घिर रहे हैं। इसी तनाव, घबराहट, उदासीपन का सीधा असर उनके उनकी दिनचर्या पर पड़ता जा रहा है। इतना ही नहीं तनाव का असर इम्यूनिटी सिस्टम पर भी पड़ रहा है। यह तनाव लोगों को चिड़चिड़ा भी बना रहा है। पारिवारिक संबंध पर भी कहीं ना कहीं असर पड़ रहा है। कामों मे दिलचस्पी कम होती जा रही है। और तो और जरा-सी छींक और खांसी आई तो लोगों के अंदर संशय की भावना पनपने लगती है। मानो उन्हें कोरोना तो नहीं हो गया। बस यही सोच कर तनाव का बोझ अपने ऊपर डाल लेते हैं। तनाव की वजह से लोग अपनी नींद पूरी नहीं कर पा रहे है। नींद पूरी नहीं होने का भी असर दिलोदिमाग पर पड़ने लगा है। इसी मनोदशा की वजह से लोग एक दूसरे से कतराने भी लगे हैं।

क्या कहते हैं मनोचिकित्सक : डॉ. महेश हेम्ब्रम, मनोचिकित्सक रिनपास रांची (देवघर) ने कहा कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर मानवता के लिए एक तनाव का स्त्रोत बन चुकी है। लोगों का ध्यान शारीरिक स्वस्थ को ठीक रखने में लगा हुआ है।

पर हम भूल जाते हैं कि मानसिक स्वास्थ्य का शरीर पर बहुत पड़ता है। तनाव बढ़ने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी घटती है। तनाव, घबराहट, उदासीपन एक मनुष्य की स्वाभाविक सामान्य मनोदशा होती है। किसी भी त्रासदी या आपातकाल स्थिति में इन भावनाओं को स्वभाविक से अत्याधिक रूप में महसूस करने लगते हैं।

ऐसे समय में अपने आप को और अपने आसपास के लोगों को तनाव से दूर रखने का प्रयास कर सकते हैं। कुछ बेहद ही छोटा और सरल तरीका है, जिससे अपने आप को तनाव से मुक्त तो नहीं परंतु उसे हम कम जरूर कर सकते हैं।

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