झारखंड आंदोलन में सक्रिय रहे बेजल हांसदा का निधन
संवाद सहयोगी, जसीडीह (देवघर) : देवघर प्रखंड के कोड़ाडीह गांव में प्रखर झारखंड आंदोलन
संवाद सहयोगी, जसीडीह (देवघर) : देवघर प्रखंड के कोड़ाडीह गांव में प्रखर झारखंड आंदोलनकारी की आकस्मिक मौत को लेकर झामुमो कार्यकर्ताओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। झारखंड आंदोलनकारी 62 वर्षीय बेजल हांसदा की मौत को लेकर आदिवासी समाज के बीच मातम पसरा हुआ है। बेजल 1970 के दशक से ही आदिवासियों के दिशोम गुरु पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के साथ ही अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। झारखंड में महाजनी प्रथा के विरोध से लेकर झारखंड अलग आंदोलन में इनकी काफी महत्वपूर्ण भूमिका रही। झामुमो कार्यकर्ता सरोज ¨सह ने बताया कि यह काफी लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे। गरीबी के कारण उन्होंने समुचित इलाज नहीं करा पाने के कारण इनकी मौत हो गई।
आंदोलन के दौरान उन्होंने पहली बार गुरुजी को क्षेत्र में लाकर आदिवासियों की स्थिति से अवगत कराया था और झारखंड को अलग राज्य बनाने की नींव डाली थी क्षेत्र के विकास को लेकर वह हमेशा सजग रहते थे। इस मौके पर पार्टी कार्यकर्ता उनके घर जाकर श्रद्धासुमन अíपत करते हुए उन्हें नमन किया। दिलावर हुसैन, विपिन यादव, नंदकिशोर दास, सोनू मोदी समेत दर्जनों कार्यकर्ता मौजूद थे।