भारतीय संस्कृति का विकास चाहते थे ईश्वरचंद

देवघर : बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के पूर्व प्रवक्ता अजय कुमार ने स्व. ईश्वरचंद्र विद्यासागर के जय

By Edited By: Publish:Mon, 26 Sep 2016 08:50 PM (IST) Updated:Mon, 26 Sep 2016 08:50 PM (IST)
भारतीय संस्कृति का विकास चाहते थे ईश्वरचंद

देवघर : बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन के पूर्व प्रवक्ता अजय कुमार ने स्व. ईश्वरचंद्र विद्यासागर के जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि विद्यासागर ने पश्चिम के ज्ञान को अंग्रेजी के माध्यम से भारत लाया। इनका मानना था कि बिना पश्चिम के ज्ञान के सही दिशा में प्रगति नहीं की जा सकती है। वह भारतीय संस्कृति को विकसित करना चाहते थे। श्री कुमार ने कहा कि विद्यासागर ने नारी जगत आन्दोलन के महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया। वह नारी को लेकर व्याप्त संकीर्ण धाराओं से समाज को मुक्त कराना चाहते थे। विधवा विवाह कानून जो 1856 में बना, वह उन्हीं के प्रयासों का फल है। उन्होंने शास्त्रों में यह ढूंढने का प्रयास किया कि प्राचीन काल में विधवा विवाह का प्रचलन था या नहीं।

श्री कुमार ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी विद्यासागर ने काफी योगदान दिया। उन्होंने पाठ्यक्रमों में परिवर्तन किया तथा आधुनिक विषयों का प्रवेश कराया। उनका विरोध भी हुआ लेकिन वे अपनी डगर पर चलते रहे। बंगला गद्य के विकास में भी उन्होंने काफी योगदान दिया।

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