पंचायत सचिवालय जाने का नहीं है रास्ता

सारठ : पंचायत में सरकार बैठेगी इसी मकसद से पंचायत चुनाव कराकर सत्ता का विकेंद्रीकरण किया गया। चौपाल

By Edited By: Publish:Wed, 01 Jul 2015 01:03 AM (IST) Updated:Wed, 01 Jul 2015 01:03 AM (IST)
पंचायत सचिवालय जाने का नहीं है रास्ता

सारठ : पंचायत में सरकार बैठेगी इसी मकसद से पंचायत चुनाव कराकर सत्ता का विकेंद्रीकरण किया गया। चौपाल में विकास का खाका, समस्या का समाधान, छोटी-छोटी योजनाओं को पूरा करने की सहमति जैसे कई सपने देखे गए। पंचायत भवन को सचिवालय का रूप देकर उसे तकनीकी रूप से इतना सबल बनाने की योजना थी कि गांव के लोगों का हर कार्य यहीं से निपटाया जाय। पर पथरड्डा पंचायत में ऐसा हो ना सका।

दीपक तले अंधेरा

विकास का दावा किया गया है। जो कई मायने में उसे पुष्ट करता है। एक दर्जन गांव से घिरे पंचायत के सभी घर में बिजली पहुंच चुकी है। हालांकि जिस सचिवालय पर सरकार व जनता का सपना टिका है वह चकनाचूर होता दिखता है क्योंकि वहां जाने की सड़क ही नहीं है। अब आप कहेंगे कि जब पंचायत की केवल चार गांव में पीसीसी नहीं है तो कार्य हुआ है। एक ही पंचायत में तो सारा काम नहीं हो जाएगा। दूसरी बार पंचायत लगेगी तब जाकर पूरी होगा। आखिर कहने को तो होगा कि बाकी बचे कार्य अगली बार।

पहाड़ है पंचायत की पहचान

पथरडडा पहाड़ बोलते ही यह बात सबके जेहन में आ जाती है कि यह सारठ प्रखंड में आता है। अब तो इसे सूबे का पर्यटन विभाग भी जानने लगा है क्योंकि सरकार में रहे लोगों ने इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की सिफारिश की थी। यहां मकर संक्रांति के मौके पर विशाल मेला भी लगता है। कई अन्य मेला भी यहां लगता है जब गांव के लोग जुटते हैं।

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पंचायत एक नजर में

पथरडडा, बरदही, चोरमारा, मुरकुटा, धनपलासी, देवघरबाद, अंबानचनियां, मंदरिया, नावाबांध, कुंडारो, धोबनियां एवं नावाडीह।

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प्रोफाइल

जनसंख्या : 6260

आंगनबाड़ी केंद्र 8

उप स्वास्थ्य केंद्र 2

उच्च विद्यालय 1

मध्यविद्यालय 2

प्राथमिक विद्यालय 6

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पांच साल में हुए कार्य

मनरेगा से कूप निर्माण 80

पीसीसी निर्माण 2000 वर्गफीट

गांधी चबूतरा निर्माण 4

आपदा प्रबंधन से 5 चापानल

इंदिरा आवास 70

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क्या कहते हैं मुखिया

पंचायत को पूर्ण अधिकार नहीं मिला है। बावजूद जो कार्य किए गए हैं वह यह बताता है कि विकास कार्य हुए हैं। यदि सरकार पंचायत को स्वतंत्र कर दे तो पंचायत सचिवालय से हर कार्य पूरा किया जाएगा। जनता को भटकना नहीं होगा। कहीं न कहीं सरकार को ठोस निर्णय लेना होगा। इतना तो तय है कि पंचायत में काफी कार्य हुआ है।

नंदकिशोर तुरी, मुखिया

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