बाबा मंदिर में गलंतिका से बाबा का अभिषेक शुरू

By Edited By: Publish:Tue, 15 Apr 2014 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 15 Apr 2014 01:00 AM (IST)
बाबा मंदिर में गलंतिका से बाबा का अभिषेक शुरू

देवघर : बाबा मंदिर में लोकपर्व विशुआ संक्रांति को लेकर सोमवार को श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। सुबह से ही बाबा मंदिर में पूजा-अर्चना करने के लिए कतार लगी रही। बाबा को सत्तु व गुड़ चढ़ाया गया। श्रद्धालुओं ने कई तरह के धार्मिक अनुष्ठान किए। लोगों ने अपने पितरों को घड़ा दान किया। मान्यता है कि बैसाख माह में पितरों को घड़ा अर्पित करने से पुण्य मिलता है। विशुआ संक्रांति चैत समाप्ति के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन लोग सत्तु खाते हैं।

परंपरा के अनुसार बाबा मंदिर में विशुआ पर्व के अवसर पर गलंतिका लगाया गया। इस पात्र से कामनालिंग पर एक महीने तक जल रिसता रहेगा। गलंतिका एक ऐसा पात्र है जिसमें एक छिद्र रहता है। इसे स्टैंड के सहारे कामनालिंग पर रख दिया जाता है। बाबा मंदिर का पट बंद होने के बाद इसे लगाया जाता है और खुलने के साथ इसे हटा दिया जाता है। बाबा का गर्मी में अभिषेक करने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

बाबा मंदिर में शुरू हुआ बैसाखी कीर्तन

बैसाखी कीर्तन की परंपरा काफी पुरानी है। चैत्र पूर्णिमा से बाबा मंदिर में माहव्यापी कीर्तन शुरू होता है। जो एक महीने तक अनवरत चलता रहेगा। बौधू बाबा के कीर्तन से बाबा मंदिर में भजन-कीर्तन शुरू हुआ। बैसाख में जहां नगर भ्रमण किया जाता है, वहीं अलग-अलग कीर्तन मंडली द्वारा कीर्तन किया जाता है। यहां के बमबम बाबा, रामकृष्ण, बैद्यनाथ, फूलचंद, गोपाल व बसंत कीर्तन मंडली कीर्तन करेंगे।

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