माओवादी बाइक से आए और हत्या कर पैदल ही चले गएजंगल की ओर

जागरण संवाददाता चतरा भाकपा माओवादी नागेश्वर यादव की हत्या के लिए बाइक से आए थे। हत्या क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 21 Oct 2020 07:22 PM (IST) Updated:Thu, 22 Oct 2020 05:09 AM (IST)
माओवादी बाइक से आए और हत्या कर पैदल ही चले गएजंगल की ओर
माओवादी बाइक से आए और हत्या कर पैदल ही चले गएजंगल की ओर

जागरण संवाददाता, चतरा : भाकपा माओवादी नागेश्वर यादव की हत्या के लिए बाइक से आए थे। हत्या की घटना को अंजाम देने के बाद वे पैदल जंगल की ओर चल दिए और बाइक दूसरे कोई लेकर चले गए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि सब कुछ पूर्व नियोजित था। नागेश्वर यादव हजारीबाग जिले के कटकमसांडी थाना क्षेत्र के झोंझी बोरीकोला गांव के रहने वाले थे। माओवादियों ने घटना को कुंदरी गांव के समीप अंजमा दिया है। कुंदरी गांव मयूरहंड थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। कुंदरी से झोंझी गांव की दूरी करीब एक किलोमीटर की है। कुंदरी में शाम को हर दिन शराब और मांस की दुकानें लगती है। नागेश्वर यादव आए दिन शराब पीने के लिए यहां आता था। मंगलवार को भी वह शराब पीकर जैसे वहां से चला, इसी क्रम में माओवादियों का दस्ता मोटरसाइकिल से आ धमका और नागेश्वर यादव की मोटरसाइकिल को ओवर टेक कर उसे अपने कब्जा में लि लिया। सभी हमलावर हथियारों से लैस और चितकबरा वर्दी में थे। माओवादियों ने बगैर समय गवाएं एक के बाद एक तीन गोली उसे जिस्म में उतारा और फिर पैदल चल दिए। चूंकि कुछ ही दूरी से जंगली इलाका शुरू हो जाता है। आसपास में मौजूद लोग गोली की आवाज सुनकर जब तक मौके पर पहुंचते, तब तक नागेश्वर यादव दम तोड़ चुका था।

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पुलिस मुखबिरी के आरोप में की हत्या

सूत्रों का कहना है कि माओवादियों ने नागेश्वर की हत्या पुलिस मुखिबिरी के आरोप में की है। उनका कहना है कि माओवादी उसका पीछा लंबे समय से कर रहे थे। उसकी एक-एक गतिविधियों पर नजर रखे हुए थे। प्रत्येक शाम को दारू पीना उसकी आदतों में शुमार था। माओवादी इसका फायदा उठाकर उसकी हत्या की। ग्रामीणों ने बताया कि शाम के चार बजे से ही कुंदरी-झोझी सड़क पर कुछ अज्ञात मोटरसाइकिल चालक आवाजाही कर रहे थे। लेकिन उसे किसी गंभीरता से नहीं लिया।

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नागेश्वर का उग्रवादियों से रहा है कनेक्शन

नागेश्वर यादव एक जमाने भाकपा माओवादियों के साथ हुआ करता था। बाद में उसने संगठन को छोड़कर पीपुल्स लिब्रेशन फ्रंट आफ इंडिया अर्थात पीएलएफआइ में शामिल हो गया। कलजीत गंझू की हत्या के आरोप में वह महीनों तक जेल में रहा। हालांकि जमानत पर रिहा होने के बाद नागेश्वर एक सामान्य ग्रामीण की जिदगी जी रहा था।

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