गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए तैयार होगा माइक्रो प्लान

चतरा वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन दक्षिणी वन प्रमंडल की ओर से शनिवार को सदर प्रखंड के नगवां में गांवों के विकास के लिए माइक्रो प्लान निर्माण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि वनपाल प्रभात कुमार थे। कार्यशाला में उंटा होलामगड़ा खुटेर पटेर डाढ़ा मोहनाडीह सेहदा वन समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित हुए। कार्यशाला में गांवों के विकास के लिए माइक्रो प्लान तैयार करने को लेकर लोगों को जानकारी दी गई। बताया गया कि किस तरह की योजना का चयन किया जाय कि गांव का विकास हो सके।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 09 Mar 2019 11:15 PM (IST) Updated:Sat, 09 Mar 2019 11:15 PM (IST)
गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए तैयार होगा माइक्रो प्लान
गांवों के चहुंमुखी विकास के लिए तैयार होगा माइक्रो प्लान

चतरा : वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन दक्षिणी वन प्रमंडल की ओर से शनिवार को सदर प्रखंड के नगवां में गांवों के विकास के लिए माइक्रो प्लान निर्माण को लेकर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य अतिथि वनपाल प्रभात कुमार थे। कार्यशाला में उंटा, होलामगड़ा, खुटेर, पटेर, डाढ़ा, मोहनाडीह सेहदा वन समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य उपस्थित हुए। कार्यशाला में गांवों के विकास के लिए माइक्रो प्लान तैयार करने को लेकर लोगों को जानकारी दी गई। बताया गया कि किस तरह की योजना का चयन किया जाय कि गांव का विकास हो सके। प्रशिक्षण की भूमिका रंजीत कुमार ने निभाई। वनपाल ने बताया कि वन विभाग की ओर से गांवों के विकास के लिए माइक्रो प्लान तैयार किया जा रहा है। योजना तैयार करने में वन समिति के सदस्यों की भी भूमिका होगी। इसी के लेकर इन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस मौके पर वनरक्षी धर्मेंद्र कुमार मिश्रा, अनुज कुमार, दीपक कुमार पासवान, सुनील कुमार महतो, रोहित प्रसाद यादव, जयराम उरांव सहित वन समिति के अध्यक्ष के अलावा ग्रामीण उपस्थित थे। वन सुरक्षा समिति के सदस्यों को दी गई माइक्रोप्लान की जानकारी

प्रतापपुर : प्रखंड मुख्यालय स्थित वन विश्रामागार में शनिवार को एक दिवसीय कार्यशाला में वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष व सदस्यों को माइक्रोप्लान की विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षक प्रकाश राणा ने अध्यक्षों एवं सदस्यों को माइक्रोप्लान तैयार कर पर्यावरण संरक्षण एवं पेड़ पौधों को सुरक्षित रखने के गुर सिखाए। कहा कि गलोबल वार्मिंग एवं जंगली जानवरों का गांवों मे घुसना, जंगलों की अंधाधुंध कटाई का परिणाम है। वन संपदा एवं वनों में पाए जाने वाले खनिज संपदा पर गांव वालों का अधिकार है। इसलिए वनों को बचाने का पूरी जिम्मेवारी एवं दायित्व ग्रामीणों का भी है। मौके पर वनपाल विकास कुमार, वनरक्षी आशिष कुमार, रितेश बाखला, विवेक कुमार, दीपक कुमार, धनंजय कुमार, कृष्णमोहन दास, प्रवेश सिंह, सुरेश दास, दुर्गा ठाकुर, मिथिलेश तिवारी सहित सभी वन अध्यक्षों एवं सदस्य मौजूद थे।

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