खेत में आओ और मुफ्त में टमाटर-गोभी ले जाओ

आशा और विश्वास के साथ किया था। इस बार टमाटर बेचकर आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने का सपना देखा था। परंतु टमाटर के मूल्य ने सारे सपने पर पानी फेर दिया। जबकि घर परिवार चलाने में पसीना छोड़ रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 13 Feb 2019 11:15 PM (IST) Updated:Wed, 13 Feb 2019 11:15 PM (IST)
खेत में आओ और मुफ्त में टमाटर-गोभी ले जाओ
खेत में आओ और मुफ्त में टमाटर-गोभी ले जाओ

गिद्धौर : प्रखंड के किसानों की परेशानी बढ़ी हुई है। टमाटर व गोभी सहित अन्य सब्जियों के भाव पूरी तरह से गिर गए हैं। वैसे में किसान काफी अचंभित हैं। किसानों की मानें तो लागत मूल्य भी नहीं निकल रहा है। यही वजह है कि किसान टमाटर, गोभी, पत्ता गोभी सहित अन्य सब्जी की फसल खेत में ही छोड़ दे रहे हैं। उन्होंने आह्वान कर रखा है कि खेतों में आओ और मुफ्त में टमाटर व गोभी ले जाओ। फिलहाल 10 रुपये में चार किलो टमाटर व पांच रुपये प्रति किलो गोभी बिक रही है। जबकि मटर, पत्ता गोभी सहित अन्य सब्जी का भाव भी काफी कम है। जिसके कारण किसानों के सारे अरमान चकनाचूर हो रहे हैं। किसानों को यह उम्मीद थी कि कीमत अच्छी रहेगी। अच्छी कीमत को लेकर वे नाना प्रकार के सपने देखेंगे थे। लेकिन सपने अधूरे रह गए।

::::::::::::::::::::::

क्या कहते हैं किसान

गोभी की फसल बड़े अरमान के साथ लगाया था। ताकि अच्छी आमदनी कर सकें। परंतु गोभी के मूल्य में काफी गिरावट है। वैसे में सारे अरमान धरे के धरे रह गए। बच्चों का स्कूल फीस भी देना मुनासिब हो रहा है।

यशवंत दांगी, गिद्धौर

:::::::::::::::::::::::::

टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर की थी। ताकि आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके। परंतु स्थिति यह है कि टमाटर तुड़वाने में जो मजदूर रखते हैं। उनका मजदूरी भी दे पाना मुश्किल हो रहा है। यही वजह है कि खेत में टमाटर छोड़ दिया है और फ्री कर दिया।

विनोद दांगी, गिद्धौर

::::::::::::::::::::::::::

किसानों की कमर ही टूट गई। इस बार टमाटर, मटर, फूल गोभी सहित अन्य सब्जी का भाव कूड़े के बराबर है। वैसे में बैंक का लिया कर्जा चुकाने में काफी दिक्कत हो रहा है। यहा तक की इसका असर घर-परिवार चलाने में भी पड़ रहा है।

ज्ञानी दांगी, कटघरा

:::::::::::::::::::::

टमाटर की खेती बड़े आशा और विश्वास के साथ की थी। इस बार टमाटर बेचकर आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने का सपना देखा था। परंतु टमाटर के मूल्य ने सारे सपने पर पानी फेर दिया। जबकि घर परिवार चलाने में पसीना छोड़ रहा है।

रंजीत ¨सह, सलगा

chat bot
आपका साथी