बालक के अपहरण मामले में दो भाइयों को तीन-तीन साल की सजा

संवाद सहयोगी चतरा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय कौशिक मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:10 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 06:10 PM (IST)
बालक के अपहरण मामले में दो भाइयों को तीन-तीन साल की सजा
बालक के अपहरण मामले में दो भाइयों को तीन-तीन साल की सजा

संवाद सहयोगी, चतरा : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय कौशिक मिश्रा की अदालत ने शुक्रवार को एक बालक के अपहरण मामले में दो सहोदर भाइयों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। साथ ही दोनों पर पांच-पांच हजार रुपए का अर्थदंड लगाया गया है। यह राशि जमा नहीं करने पर तीन महीना अतिरिक्त जेल में रहना पड़ेगा। दोषी दोनों भाई राजू कुमार दांगी और मंटू कुमार दांगी सदर थाना क्षेत्र के पकरिया गांव का रहने वाला है। दोनों पर 14 वर्षीय बालक का अपहरण कर 10 लाख रुपए फिरौती मांगने का आरोप है। यह घटना 9 अगस्त 2019 की शाम तीन बजे की है। इस मामले में अपहृत बालक की मां बैजंती देवी ने इटखोरी थाना में मामला दर्ज कराया था। बैजंती देवी इटखोरी की रहनेवाली है। थाना में दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि 9 अगस्त 2019 को बालक स्कूल से पढ़ कर घर आया था। इसके बाद वह शाम तीन बजे घर से बाहर निकला, जो फिर घर नहीं लौटा। बच्चे को अपने सगे संबंधियों के यहां तलाश किया, पर उसका कोई पता नहीं चला। रात में अपहरणकर्ताओं का फोन आया कि आपका बच्चा मेरे पास है। बालक को छोड़ने के एवज में 10 लाख रुपए की फिरौती की मांग की। फिरौती की राशि नहीं मिलने पर अपहरणकर्ता बालक को अपने गांव पकरिया में छोड़ दिया। इटखोरी पुलिस ने घटना के दो दिन बाद बालक को बरामद कर लिया। इस कांड का अनुसंधान ईटखोरी थाना के अवर निरीक्षक मनोज पाल ने किया। उन्होंने पाया कि दोनों भाइयों ने पकरिया गांव के ही एक वृद्ध गुजर भुइयां के आधार नंबर और फोटो से फर्जी तरीके से मोबाइल सीम लिया था। इस सीम का उपयोग दोनों भाई बालक के अपहरण और फिरौती मांगने में कर रहा था। इस कांड के गवाहों की गवाही सुनने और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय के न्यायालय में अपहरण का दोषी मानते हुए दोनों भाइयों को तीन-तीन साल की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने बताया कि ये दोनों शातिर अपराधी हैं। इन दोनों पर हत्या, फिरौती और डकैती के पांच मामले है। ये सभी मामले न्यायालय में लंबित हैं।

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