प्रत्याशियों को चाय व समोसा का भी देना पड़ेगा हिसाब

लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च पर चुनाव आयोग कड़ी निगाह रखेगा। प्रत्याशियों की खर्च की सीमा भी तय कर दी गई है। पहले प्रत्याशियों को 40 लाख तक खर्च की सीमा थी। वहीं अब एक प्रत्याशी अपने खाते से 70 लाख रुपये खर्च कर सकता है। इसमें चुनावी जनसभा से

By JagranEdited By: Publish:Thu, 11 Apr 2019 08:03 PM (IST) Updated:Fri, 12 Apr 2019 06:25 AM (IST)
प्रत्याशियों को चाय व समोसा का भी देना पड़ेगा हिसाब
प्रत्याशियों को चाय व समोसा का भी देना पड़ेगा हिसाब

इटखोरी : लोकसभा चुनाव में प्रत्याशियों के खर्च पर चुनाव आयोग कड़ी निगाह रखेगा। प्रत्याशियों की खर्च की सीमा भी तय कर दी गई है। पहले प्रत्याशियों को 40 लाख तक खर्च की सीमा थी। वहीं अब एक प्रत्याशी अपने खाते से 70 लाख रुपये खर्च कर सकता है। इसमें चुनावी जनसभा से लेकर कार्यालय में चाय, समोसा के साथ ही पानी की बोतल तक का खर्च आयोग जोड़ेगा। अगर प्रत्याशी के कार्यालय में कोई एक कप चाय या काफी पीता है, तो उसका भी खर्च प्रत्याशी के खर्च में जोड़ा जाएगा। निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के खर्च को लेकर सूची तैयार कर दी है। आयोग ने 171 चीजों की सूची के साथ कीमत तय की है। खर्च की निगरानी आयोग से नियुक्त ऑब्जर्बर करेंगे। वीडियो कैमरे से प्रत्याशी की रिकार्डिग करवाएंगे और खर्च में गड़बड़ी मिलती है तो कार्रवाई भी की जाएगी।

चाय और समोसे

पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार आयोग ने खर्च की सूची में कुछ पैसे बढ़ा दिए हैं। इसमें चाय और समोसे की कीमत बढ़ाकर छह रुपये कर दी गई है। पिछले चुनाव में यह कीमत पांच रुपये थी। वहीं अल्पाहार की कीमत 40 रुपये से बढ़ाकर 50 रुपये किया गया हैं।

शाकाहार 50 और मांसाहारी भोजन तीन सौ में : लोकसभा का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशी अपने समर्थकों को खाना भी खिलाते है। चुनाव आयोग उसका हिसाब भी रखेगा। आयोग की सूची में मांसाहार थाली की कीमत तीन सौ रुपये तय की गई है। शाकाहारी थाली की कीमत 50 रुपये रखी गई है। इसके अलावा चाय, समोसा से लेकर आलपिन, फाइल कवर, कुर्सी टेंट रेट भी निर्धारित कर दिया गया है। इन खर्च को समाहित करने के लिए प्रत्याशी को एक रजिस्टर बनाना होगा। जिस पर एक-एक रुपये का हिसाब लिखकर देना होगा।

रजिस्टर में दर्ज होगा हिसाब : प्रत्याशी जो भी चुनाव प्रचार के दौरान खर्च करेंगे उसका हिसाब प्रतिदिन रजिस्टर में दर्ज करना होगा। आयोग के कड़े निर्देश के बाद अब सतर्क होने की बारी प्रत्याशियों की है। चुनाव के बाद प्रत्याशियों को बनाए गए इस रजिस्टर को मुख्य कोषाधिकारी कार्यालय में जमा करना होगा। आयोग के अफसर किसी भी समय इस रजिस्टर को चेक भी कर सकते हैं।

वाहनों का किराया

उम्मीदवारों के वाहनों का किराया भी आयोग ने तय कर दिया है। किराए की सूची में कार और ऑटो लेने पर 1000 से 3000 रुपये। सूमो और एसी कार के लिए 1200 रुपये प्रतिदिन। वीआइपी कारों के लिए 1600 रुपये प्रतिदिन तय किए गए हैं। वहीं पानी की बोतल के लिए 20 रुपये, पाउच की एक बोरी 80 रुपये, नगर निगम से पानी के टैंकर का किराया 200 से 600 रुपये तय किया गया है।

अलग बैंक खाता

चुनाव में खर्च करने के लिए प्रत्याशी को नया बैंक खाता खोलना पड़ेगा। इस खाते की जानकारी जिला निर्वाचन कार्यालय में देनी होगी। इस अकाउंट से जो भी खर्च होगा उस पर निगाह रखी जाएगी। निर्वाचन आयोग के अधिकारी इस खाते की निरंतर निगरानी करेंगे।

दस हजार से ज्यादा नहीं दे सकते है कैश

प्रत्याशियों के कैश खर्च की सीमा को भी तय किया गया है। इसमें एक दिन में किसी कार्यकर्ता को दस हजार से ज्यादा नहीं दे सकते हैं। इसके अलावा जो भी खर्च किया जाएगा उसे प्रत्याशी को चेक या नेट बैंकिंग से करना होगा।

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