मनरेगा में अवैध नियुक्ति, स्वीकृत से दुगना हुए बहाल

जुलकर नैन, चतरा : मनरेगा के तहत अनुबंधन के आधार पर कंप्यूटर सहायकों की नियुक्ति में घोर अनियमितता बर

By Edited By: Publish:Wed, 17 Dec 2014 06:32 PM (IST) Updated:Wed, 17 Dec 2014 06:32 PM (IST)
मनरेगा में अवैध नियुक्ति, स्वीकृत से दुगना हुए बहाल

जुलकर नैन, चतरा : मनरेगा के तहत अनुबंधन के आधार पर कंप्यूटर सहायकों की नियुक्ति में घोर अनियमितता बरती गई है। स्वीकृत पद से दोगुना से अधिक नियुक्ति की गई है। बहाली का यह मामला 2007-08 व 2010-11 का है। 2007-08 में तेरह और 2010-11 में चार कंप्यूटर सहायकों की बहाली अवैध तरीका से हुई है। हालांकि उस समय मनरेगा में अनुबंध के आधार पर बहाली का अधिकार सिर्फ आयुक्त को था। मनरेगा मार्गदर्शिका के अनुसार योजनाओं के सफल क्रियान्वयन एवं पारदर्शिता के लिए जिले के सभी प्रखंडों में एक-एक कंप्यूटर सहायक को बहाल करना है। इस प्रावधान को आधार बना तत्कालीन उपायुक्त ने कंप्यूटर सहायक के तेरह पदों पर अवैध रूप से बहाली कर दी। जबकि प्रमंडलीय आयुक्त ने बारह में से सात ही प्रखंडों के लिए सहायक की बहाली कर सके। जिसमें विजय कुमार महतो, राजकुमार, अजीत कुमार, रंजीत कुमार, सुशीला मिंज, अभय कुमार एंव मनोज कुमार का नाम शामिल है। इसके बाद चार प्रखंड के तत्कालीन बीडीओ ने भी एक-एक कंप्यूटर सहायक को बहाल कर दिया। बाद में राज्य सरकार ने नियुक्ति प्रक्रिया में संशोधन करते हुए बहाली का अधिकारी 2012 में उपायुक्त को दे दिया है। जिसके विरुद्ध रिक्त पांच पदों की बहाली को लेकर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 2007-08 एवं 2010-11 में अवैध रूप से बहाल किए गए कंप्यूटर सहायकों को प्रतिमाह नियमित रूप से मानदेय का भुगतान हो रहा है। उन्हें अब तक मानदेय के रूप में एक करोड़ से अधिक का भुगतान किया जा चुका है।

डीसी से एक कदम आगे निकले बीडीओ

अवैध नियुक्ति के मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी भी पीछे नहीं रहे। बीडीओ को किसी प्रकार की नियुक्ति का अधिकार नहीं है। लेकिन यहां पर पदस्थापित चार बीडीओ ने अपने-अपने ब्लाक में एक-एक कंप्यूटर सहायक को अनुबंध पर बहाल कर लिए और उसका अनुमोदन तत्कालीन उपायुक्त से करवा लिया। जिसमें सदर प्रखंड के तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी पारस नाथ यादव, कंदा का तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रमोद राम, टंडवा का तत्कालीन बीडीओ जियाउल अंसारी एवं मयूरहंड प्रखंड का तत्कालीन बीडीओ आसफ अली का नाम शामिल है।

गिद्धौर बीडीओ ने बहाल कर लिया जीप चालक

मनरेगा में जीप चालक का कोई पद स्वीकृत नहीं है। बावजूद गिद्धौर प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने जीप चालक को नियुक्त कर लिया और उसका भुगतान 6526 रुपया प्रतिमाह आन लाइन हो रहा है। चालक के रूप में देवेंद्र कुमार की बहाली हुई है।

प्रधान सचिव ने दिया जांच का आदेश

एमएस नायक नामक एक व्यक्ति ने इस पूरे मामले की लिखित जानकारी ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को दी। जिसके आलोक में प्रधान सचिव ने इससे गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त को जांच का आदेश दिया है।

क्या है नियम

ग्रामीण विकास विभाग की अधिसूचना संख्या 4729 दिनांक 4. 6. 2007 को संशोधित अधिसूचना संख्या 7646 दिनांक 23. 10. 2009 के माध्यम से मनरेगा के तहत प्रखंडों में बीपीओ का दो, तकनीकी सहायक का एक, कंप्यूटर सहायक का एक, लेखा सहायक का एक, तकनीकी सहायक कनीय अभियंता के समकक्ष का एक एवं प्रत्येक पंचायत के लिए एक-एक ग्राम रोजगार सेवक का पद सृजित किया गया है।

चालक का भुगतान अमान्य

ग्रामीण विकास विभाग का पत्रांक संख्या 4-1068(मनरेगा/2010/ग्रा.वि 3586) दिनांक 28. 5. 12 में स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि चालक का मानदेय, वाहन की मरम्मत के लिए किसी भी प्रकार का भुगतान अवैध माना जाएगा।

अधिकारी वर्जन

इस मामले की जानकारी नहीं है। यदि अवैध नियुक्ति हुई है, तो जांच की जाएगी। जांच रिपोर्ट के बाद नियम अनुकूल कार्रवाई होगी।

अमित कुमार, उपायुक्त, चतरा।

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