दो बार मुखिया चुने गए थे वासुदेव महतो

संस भंडारीदह (बेरमो) बासुदेव महतो पिछले 2010 व 2015 में लगातार दो बार तारमी पंचायत से नि

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 10:34 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 10:34 PM (IST)
दो बार मुखिया चुने गए थे वासुदेव महतो
दो बार मुखिया चुने गए थे वासुदेव महतो

संस, भंडारीदह (बेरमो) : बासुदेव महतो पिछले 2010 व 2015 में लगातार दो बार तारमी पंचायत से निर्वाचित होकर मुखिया बने थे। शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के काफी प्रिय थे । शिक्षा मंत्री के कार्यो में अपना बढ़ चढ़कर योगदान देते थे। 28 सितंबर को शिक्षा मंत्री के कोरोना संक्रमित होने के बाद रांची से चेन्नई एमजीएम तक लगातार उनके साथ रहे। एमजीएम से एक माह पहले ही वे लौटे थे, इस बीच अस्वस्थ होने पर गत 16 अप्रैल को उन्होंने कोरोना टेस्ट कराया था, जिसमें वे पॉजिटिव पाए गए थे। बता दें कि मुखिया रहते हुए अपने कार्यकाल में तारमी पंचायत में कई विकास के कार्य करवाने का श्रेय उन्हें जाता है। पंचायत वासी की हर छोटी बड़ी समस्या का निवाकरण के लिए हमेशा तत्पर रहे। शिक्षा मंत्री के गैर उपस्थिति में क्षेत्र की तमाम गतिविधियों में सक्रिय रहते थे । वह काफी मिलनसार व्यक्ति थे, लोगों के दुख-सुख में सहभागिता निभाते थे।अपने पीछे पत्नी, दो पुत्री व एक पुत्र सहित अपना भरापूरा परिवार छोड गए।

इस घटना से अलारगो, तारमी, चिरुडीह, चंद्रपुरा, नर्रा, तेलो, तारानारी, घटियारी, बिरनी, बंदियो, नावाडीह सहित आसपास के इलाके में शोक की लहर दौड़ गई है।

उनके पैतृक गांव के मुखिया भुनेश्वर महतो, राजकिशोर पुरी, खिरोधर महतो, जगदीश महतो, अजमुल अंसारी, हीरालाल तुरी सहित तुरियो मुखिया नकुल महतो, समाजसेवी दौलत महतो, फुसरो नप अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, अनिल महतो, हीरालाल गिरि, गोपाल भारती, संतोष महतो, जयलाल महतो, लोकेश्वर महतो, सरजू महतो आदि ने शोक व्यक्त किया है । कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाजरत है शिक्षा मंत्री :

झारखंड के शिक्षा मंत्री पिछले सात माह से चेन्नई स्थित एमजीएम अस्पताल में इलाजरत हैं। शिक्षा मंत्री 28 सितंबर को कोरोना पॉजिटिव हुए थे। इसके बाद रांची रिम्स में भर्ती कराया गया था। जहां सेहत में सुधार नहीं होने पर उन्हें मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से उन्हें गत 19 अक्टूबर को एयर लिफ्ट कर चेन्नई स्थित एमजीएम अस्पताल में शिफ्ट किया गया था। जहां एमजीएम के डॉक्टरों ने आखरी विकल्प को अपनाते हुए गत दस नवंबर को उनका लंग्स ट्रांसप्लांट किया था। अभी वह एमजीएम में ही इलाजरत हैं ।

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