उपेक्षा का दंश झेल रहा ढोरी मैदान

बेरमो : बेरमो कोयलांचल का ढोरी मैदान उपेक्षा का दंश झेल रहा है। हालांकि सीसीएल प्रबंधन मिशन ओलंपिक क

By JagranEdited By: Publish:Mon, 18 Feb 2019 09:00 AM (IST) Updated:Mon, 18 Feb 2019 09:00 AM (IST)
उपेक्षा का दंश झेल रहा ढोरी मैदान
उपेक्षा का दंश झेल रहा ढोरी मैदान

बेरमो : बेरमो कोयलांचल का ढोरी मैदान उपेक्षा का दंश झेल रहा है। हालांकि सीसीएल प्रबंधन मिशन ओलंपिक के तहत खेल प्रतिभाओं को निखारने का काम कर रहा है। राज्य सरकार भी खेल व खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। बेरमो में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो जिला व राज्य स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं। ढोरी फुटबॉल मैदान पूर्व में काफी बड़ा था। यहां सुबह से शाम तक फुटबॉल, कबड्डी व किक्रेट आदि खेल होते थे। आसपास के लोग सुबह की सैर भी इस मैदान में करते थे।

वर्तमान में यह मैदान अतिक्रमण की जद से दिनोंदिन सिकुड़ता जा रहा है। इस वजह से खिलाड़ियों को इसमें अभ्यास करने में काफी परेशानी होती है। इस मैदान में जल निकासी की भी व्यवस्था नहीं है। रखरखाव भी भगवान भरोसे है।

मंत्री की घोषणा पर भी नहीं कोई अमल : सूबे के खेल मंत्री अमर कुमार बाउरी ने बेरमो में स्टेडियम बनवाने की घोषणा की थी। इसके लिए उन्होंने सीसीएल प्रबंधन से पर्याप्त जमीन देने का आग्रह किया था। उनकी घोषणा के दो वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी इस दिशा में कोई पहल नहीं हुई। सीसीएल के सीएसआर मद से खेल मैदानों के जीर्णोद्धार का प्रस्ताव लिया गया था, लेकिन उसे अमल में नहीं लाया गया। सीसीएल ढोरी प्रक्षेत्र के पूर्व जीएम चरण ¨सह ने ढोरी मैदान का निरीक्षण कर प्रस्ताव तैयार किया था। वर्ष 2014 में उनके स्थानांतरण के बाद उक्त प्रस्ताव खटाई में पड़ गया।

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वर्जन

ढोरी मैदान के जीर्णोद्धार के लिए सीसीएल मुख्यालय को प्रस्ताव दिया गया है। राज्य सरकार की ओर से स्टेडियम निर्माण का प्रस्ताव आया है। खेल के विकास के लिए स्टेडियम जरूरी है। खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए मिशन ओलंपिक के तहत राज्य सरकार के साथ मिलकर सीसीएल काम कर रही है। ढोरी मैदान के जीर्णाेद्धार के लिए खेल मंत्री को भी ज्ञापन दिया गया है।

- योगेश्वर महतो बाटुल, विधायक बेरमो।

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