नौ साल बाद अपने मां-बाप से मिलेगी जूली

बेरमो : बोकारो रेलवे स्टेशन से नौ वर्ष पूर्व भटकी जूली मरांडी शीघ्र ही अपने माता-पिता से मि

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 Aug 2017 03:02 AM (IST) Updated:Sat, 05 Aug 2017 03:02 AM (IST)
नौ साल बाद अपने मां-बाप से मिलेगी जूली
नौ साल बाद अपने मां-बाप से मिलेगी जूली

बेरमो : बोकारो रेलवे स्टेशन से नौ वर्ष पूर्व भटकी जूली मरांडी शीघ्र ही अपने माता-पिता से मिल पाएगी। बाल कल्याण समिति सीडब्ल्यूसी के प्रयास से जूली की घर वापसी संभव हो पाया है। वर्तमान में जूली छत्तीसगढ़ के उत्तरबस्तर जिले के राजनंदन गांव स्थित बाल सुधार गृह में रह रही है। देश में चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट के लागू होने के बाद जूली की घर वापसी का मसला सुलझ पाया है। सीडब्ल्यूसी की टीम जूली को लाने छत्तीसगढ़ कूच की है। अन्तर्राज्यीय स्थानांतरण संबंधी कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद जूली आगामी 18 अगस्त को बोकारो के माराफारी थाना क्षेत्र स्थित अपने पैतृक आवास में परिजनों के साथ होगी। ऐसा दावा सीडब्ल्यूसी के अधिकारी डॉ प्रभाकर कुमार ने किया है।

परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं : दरअसल जूली जब भटक कर बोकारो से छत्तीसगढ़ पहुंची तो वहां आरपीएफ जवानों ने सात साल की नन्हीं सी लड़की को लावारिस स्थिति में राज्य पुलिस के हवाले कर दिया था। पुलिस ने बच्ची को बाल सुधार गृह में भिजवा दिया। इधर बोकारो में जूली के परिजन उसे खोज खोज कर परेशान हो चुके थे। परिजन जूली के साथ किसी अनहोनी की आशंका को लेकर परेशान थे। काफी ढूंढ़ने के बाद भी जब वह नहीं मिली तो परिजन यह समझ बैठे भी उनकी लाडली शायद अब इस दुनिया में नहीं रही। लेकिन कुदरत ने जूली को 9 साल बाद फिर से मुस्कुराने का मौका दे दिया। देश में चाइल्ड प्रोटेक्शन एक्ट लागू होने के बाद गत वर्ष छत्तीसगढ़ पुलिस ने जूली के बताए पता बोकारो में उसके अभिभावक की पहचान की जिम्मेवारी बोकारो जिला प्रशासन को सौंपा। जिला प्रशासन ने इसे सीडब्ल्यूसी को पड़ताल के लिए निर्देशित किया। सीडब्ल्यूसी के अधिकारी कई बार उत्तरबस्तर जिला प्रशासन से काउंसिलिंग कर गुमशुदा बच्ची के संबंध में छानबीन की। अंतत: जूली का पता पा लिया गया। माराफारी थाना क्षेत्र स्थित जूली के घर में जब यह खबर पहुंची तो परिजनों की खुशी का ठिकाना नहीं था। मां, पिता और दादी तो सीडब्ल्यूसी के अधिकारी के साथ लिपट कर रोने लगे लेकिन ये आंसू खुशी के थे।

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जूली मरांडी की घर वापसी की तमाम कानूनी बाधाएं दूर हो चुकी है। छत्तीसगढ़ बाल सुधार गृह में रहकर जूली ने मैट्रिक की परीक्षा भी पास कर ली है। आगामी 18 अगस्त को जूली माराफारी स्थित अपने पैतृक घर में आ जाएगी। पूरे घटनाक्रम में सीडब्ल्यूसी की भूमिका और अधिकारियों की मेहनत रंग लाई है।

- डॉ. प्रभाकर कुमार, सदस्य सचिव सीडब्ल्यूसी, बोकारो।

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