बिजली कटौती से त्रस्त उद्योग, मजदूरों को दी दो दिन की छुट्टी

कभी भी नहीं सुधरेगी बोकारो की बिजली चलता रहेगा डीवीसी का बहाना

By JagranEdited By: Publish:Fri, 20 May 2022 09:39 PM (IST) Updated:Fri, 20 May 2022 09:39 PM (IST)
बिजली कटौती से त्रस्त उद्योग, मजदूरों को दी दो दिन की छुट्टी
बिजली कटौती से त्रस्त उद्योग, मजदूरों को दी दो दिन की छुट्टी

बिजली कटौती से त्रस्त उद्योग, मजदूरों को दी दो दिन की छुट्टी

जागरण संवाददाता, बोकारो : देश का इकलौता शहर जहां चार-चार विद्युत संयंत्र हो और लगभग दो हजार मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन हो रहा है। फिर भी लोग बिजली के लिए परेशान हैं। बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। उद्योगों का बुरा हाल है। छोटे एवं मझोले दुकानदार अब अपना धंधा समेटने पर को मजबूर हो चुके हैं। इसकी एकमात्र वजह बिजली है यह समस्या केवल जेबीवीएनएल के क्षेत्र में नहीं है बल्कि बोकारो इस्पात संयंत्र के प्रभाव वाले क्षेत्र में जेबीवीएनएल से अधिक समस्या है, जब से तापमान बढ़ा है लगातार प्रत्येक दिन आठ से दस घंटे बिजली बोकारो शहर में तथा जेवीवीएनएल के इलाके में 10 से 12 घंटे की कटौती हो रही है। बीते तीन दिनों से बिजली और कम आ रही है। बिजली की समस्या को देखकर उद्योग मालिकों ने अपने मजदूरों को अगले दो दिनों के लिए छुट्टी दे दिया है ।

10 मिनट की आपूर्ति पर एक घंटे का ब्रेक : झारखंड विद्युत वितरण निगम के क्षेत्र में बुधवार से बिजली कटौती आलम यह है कि बिजली दस मिनट की आपूर्ति के बाद एक घंटे का ब्रेक दिया जाता है। जेबीवीएनएल के कार्यालय में फोन करने पर सीधा सा जवाब है डीवीसी से बिजली नहीं मिल रही है। इसलिए बिजली की आपूर्ति प्रभावित है। इस चक्कर में ग्रिल गेट, मोबाइल दुकानदार, टीवी रिपेयरिंग सेंटर सहित वैसे छोटे दुकानदार का धंधा पूरी तरह बंद हो गया है। इसी प्रकार छोटे उद्योग जहां एक-दो लेथ मशीन रखकर चार-पांच मजदूरों से काम लिया जा रहा है। वह भी पूरी तरह बंद है।

चास की नहीं सुधरेगी बिजली: बोकारो जिले का चास शहर सबसे बड़ा व्यावसायिक क्षेत्र है। यहां बिजली की समस्या 30 वर्षों से है। व्यवसायियों के अलग-अलग संगठन के प्रमुख हर चुनाव या चुनाव के बाद लंबे मांग पत्र लेकर भविष्य के विधायक , मंत्री और मुख्यमंत्री से मिलते हैं। आश्वासन मिलता है कि वोट दीजिए आपके समस्या का समाधान हो जाएगा, लेकिन आज तक चास की बिजली नहीं सुधरी 30 वर्षों में कोई भी ऐसा महीना नहीं आया इस महीने में 30 दिन बिजली मिली हो कभी किसी बात की समस्या कभी किसी बात की समस्या। डीवीसी से जेबीवीएनएल का झगड़ा होगा तो उसका खामियाजा चास के लोगों को भुगतना होगा।

.मंत्री बनकर भी बिजली व्यवस्था नहीं सुधार सके जगरनाथ :

डुमरी के विधायक और बेबाक बोलने के लिए मशहूर जगन्नाथ महतो मंत्री बनने के बाद भी बिजली की समस्या का समाधान नहीं करा सके और तो और जैनामोड़ ग्रिड को चालू करने में आड़े आ रहे बिजली के खंभे का काम उन्हीं के क्षेत्र नावाडीह में रुका पड़ा है। मंत्री तो दूर की चीज है जिले के अधिकारियों को आज तक इस बात की फुर्सत नहीं मिली कि वे इस समस्या पर कभी बिजली के अधिकारियों से आकर बात करें। समस्या के समाधान की दिशा में पहल करने वाले डीसी को इससे मतलब नहीं है। चूंकि उपायुक्त कार्यालय से लेकर एसपी और डीसी का आवास सेल के उस वीआइपी जोन में है, जहां बिजली सबसे कम कटती है। कटती भी है तो इन अधिकारियों के आवास पर बड़े-बड़े जेनसेट लगे हुए हैं। उन्हें आम जनता की समस्या का कभी अहसास ही नहीं होता है ।

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