बीटीपीएस की नई इकाई से बिजली उत्पादन ठप

फोटो : 12 बीईआर 14 - डीवीसी को प्रतिदिन एक करोड़ रुपये का हो रहा नुकसान, भेल कंपन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 12 Nov 2018 10:18 PM (IST) Updated:Mon, 12 Nov 2018 10:18 PM (IST)
बीटीपीएस की नई इकाई से बिजली उत्पादन ठप
बीटीपीएस की नई इकाई से बिजली उत्पादन ठप

फोटो : 12 बीईआर 14

- डीवीसी को प्रतिदिन एक करोड़ रुपये का हो रहा नुकसान, भेल कंपनी जुटी मरम्मत में, 17 नवंबर से शुरू हो सकता है बिजली उत्पादन

संसू, बोकारो थर्मल (बेरमो) : बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के नए पावर प्लांट में तकनीकी खराबी आने से वहां बिजली उत्पादन ठप हो गया है। 500 मेगावाट क्षमता वाले नए पावर का निर्माण भेल कंपनी ने किया था। मार्च 2017 में इस नवनिर्मित प्लांट को हैंडओवर किया गया था। एक वर्ष तक इसके रख-रखाव की जिम्मेवारी निर्माण कंपनी भेल की थी, लेकिन प्लांट में तकनीकी खराबी करीब डेढ़ वर्ष बाद आई, लिहाजा अब डीवीसी को इसे अपने खर्च पर दुरुस्त कराना पड़ रहा है। इसकी मरम्मत के लिए भेल कंपनी को ही एक करोड़ रुपये का टेंडर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार बीते 22 अक्टूबर को नए पावर प्लांट की टरबाइन में खराबी आई थी, इसके बाद से ही प्लांट को शटडाउन कर दिया गया था। डीवीसी सूत्रों की माने तो नए प्लांट से बिजली उत्पादन ठप होने से डीवीसी को प्रतिदिन करीब एक करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है।

ए पावर प्लांट की टरबाइन बेय¨रग में आई खराबी के बाद उसकी मरम्मत करने एवं यूनिट को चालू करने का काम भेल कंपनी के सेल्स एंड सर्विसेज विभाग को एक करोड़ रुपये के करार में दिया गया है, जबकि भेल कंपनी ने मैकेनिकल मरम्मत का काम पावर प्लांट की टरबाइन के निर्माण में लगी कंपनी पी इरेक्टर्स को दिया है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक (सीएंडआई) मरम्मत कार्य स्थानीय ठेकेदार की ओर से कराया जा रहा है। जानकारी के अनुसार मरम्मत कार्य के दौरान आठ में से दो बेय¨रग डैमेज मिली है। क्षतिग्रस्त बेय¨रग को प्लांट में पहले से मंगा कर उसमें निर्धारित मैटेरियल भरकर रखा गया है। मरम्मत कार्य में लगी भेल कंपनी के तकनीकी अधिकारियों का कहना है कि मरम्मत कार्य अंतिम चरण में है। सब कुछ सामान्य रहा तो 17 नवंबर से नए पावर प्लांट को बिजली उत्पादन से जोड़ दिया जाएगा। वर्जन तकनीकी खराबी के कारण नए पावर प्लांट को बंद किया गया है। वैसे भी बिजली की डिमांड नहीं है। प्लांट को चलाने के लिए प्रतिदिन साढ़े सात हजार टन कोयला की खपत होती है। प्लांट बंद रहने से इसकी बचत हुई है। 17 नवंबर से प्लांट को ¨सक्रोनाइज कर दिया जाएगा।

- कमलेश कुमार, प्रोजेक्ट हेड, बीटीपीएस

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