दुग्दा काली मंदिर की दूर-दूर तक ख्याति

तेलो : चंद्रपुरा प्रखंड की दुग्दा पंचायत की फुलझरिया बस्ती स्थित दक्षिणेश्वरी काली मंदिर क्षेत्र के

By Edited By: Publish:Wed, 22 Oct 2014 06:25 PM (IST) Updated:Wed, 22 Oct 2014 06:25 PM (IST)
दुग्दा काली मंदिर की दूर-दूर तक ख्याति

तेलो : चंद्रपुरा प्रखंड की दुग्दा पंचायत की फुलझरिया बस्ती स्थित दक्षिणेश्वरी काली मंदिर क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है। इसका स्वरूप कोलकाता के काली मंदिर पर आधारित है। यहां हर रोज सैकड़ों भक्त पूजा-अर्चना के लिए आते हैं। वहीं दीपावली के मौके पर भव्य पूजा होती है। इस अवसर पर हजारों लोग यहां अपनी मनोकामना लेकर आते हैं।

पद्मा राजा ने की थी स्थापना

इस मां काली मंदिर की स्थापना 18वीं सदी में हुई थी। मंदिर के पुजारी पंचानन चक्रवर्ती एवं वृंदावन चक्रवर्ती के अनुसार हजारीबाग के पद्मा राजा कामाख्या नारायण सिंह मंदिर में स्थापित काली दक्षिणेश्वरी की प्रतिमा को कोलकाता से हजारीबाग ले जा रहे थे, मगर बोकारो जिले के समीपवर्ती क्षेत्र दुग्दा में प्रवेश करने के बाद वे आगे नहीं बढ़ पाए, तब उन्होंने उसी स्थल में मां काली की प्रतिमा स्थापित कर दी। यह क्षेत्र तब उन्हीं के शासन अंतर्गत था। पद्मा नरेश स्वयं हजारीबाग से साल में एक बार मां काली दक्षिणेश्वरी की पूजा करने यहां आया करते थे।

बिहार-बंगाल के लोग भी आते

इस मंदिर की ख्याति झारखंड के अलावा बिहार, बंगाल में भी हैं। दोनों राज्यों से भी लोग मां के दर्शन एवं पूजन को यहां आते हैं। इस वर्ष भी यहां पूजा की तैयारी काफी जोरशोर से की जा रही है। यहां पूजा की रात भव्य मेला भी लगता है।

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