अति महाविष्णु यज्ञ के अंतिम दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब

संवाद सहयोगी पौनी शतकुंडीय अति महाविष्णु यज्ञ के आखिरी दिन रविवार को यज्ञशाला में हजा

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Nov 2019 01:41 AM (IST) Updated:Mon, 25 Nov 2019 01:41 AM (IST)
अति महाविष्णु यज्ञ के अंतिम दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब
अति महाविष्णु यज्ञ के अंतिम दिन उमड़ा भक्तों का सैलाब

संवाद सहयोगी, पौनी : शतकुंडीय अति महाविष्णु यज्ञ के आखिरी दिन रविवार को यज्ञशाला में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यज्ञ में सबसे पहले माता वैष्णो देवी के मुख्य पुजारी व महाराज ने 1100 कंजकों की पूजा कर प्रसाद बांटा। दोपहर तीन बजे के करीब संत बालक योगेश्वर दास महाराज के साथ लगातार 11 दिन से हवन में बैठे यजमानों के अलावा हजारों भक्तों ने पूर्ण आहुतियां डाली । पूर्ण आहुति व आरती के दौरान यज्ञशाला के आस-पास काफी संख्या में भक्तों ने खड़े होकर पुष्पवर्षा की। भक्तों को ऐसा देखने का सौभाग्य सातवीं बार मिला है। संत बालक योगेश्वर दास महाराज ने भक्तों को यज्ञ सफलता पूर्वक संपूर्ण कराने पर धन्यवाद किया। उन्होंने यज्ञ कमेटी, पीएचई, मेडिकल व पुलिस से सुरक्षा के कड़े प्रबंध रखने पर आभार जताया। भक्तों को संबोधित करते हुए महाराज ने कहा जिस तरह से क्षेत्रवासियों का पहले संपूर्ण कराए गए पौनी में छह व देश में 33 यज्ञों में मिला था ठीक उसी तरह से पौनी में संपन्न कराए गए सात व देश में 34 यज्ञ को सफलतापूर्वक पूरा करने में सहयोग मिला है। उन्होंने कहा कि अगर भक्तों का सहयोग रहा तो अगले वर्ष फिर यज्ञ आयेाजित किया जाएगा। वहीं, हमेशा की तरह आज भी सुबह आठ बजे गुरु दीक्षा व 11 बजे हवन आरंभ हुआ। एक बजे कंजक पूजन, दोपहर तीन बजे पूर्ण आहुति व आरती हुई। इस मौके पर यज्ञ में पहुंचे हजारों भक्तों ने प्रसाद भी ग्रहण किया। महराज द्वारा देश के लिए शहीद हुए वीर जवानों के परिजनों को भी सम्मानित किया।

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सोमवार को होगा कलश विसर्जन

महाराज द्वारा हवन में बैठे व अन्य भक्तों से अपील की है कि वह सोमवार सुबह यज्ञशाला में पहुंचे, ताकि कलश विसर्जन करने के अलावा सत्यनारायण कथा की जा सके।

दूर-दराज से आए भक्तों को देखते हुए महाराज के निर्देश पर रासलीला जल्द शुरू कर दी गई। वृंदावन, काशी व मथुरा से आए कलाकारों ने भक्तों को रासलीला दिखाई। रविवार को रासलीला का कार्यक्रम भी संपन्न हो गया। इसके अलावा देर शाम को पंजाब के प्रसिद्ध गायक बलराज ने लोगों को पंजाबी गानों और भेंटों से मंत्रमुग्ध किया। समापन समारोह

:- सुबह आठ बजे गुरु दीक्षा

:- नौ बजे सत्य नारायण कथा

:- दस बजे कलश विसर्जन

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