पहले आतंक का प्रहार और अब सरकार की उपेक्षा

पिछले कई सालों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन व कई बैठकें आयोजित कर सरकार से मांगे पूरी करने को लेकर तलवाड़ा विस्थापित आज भी अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Sep 2020 07:32 AM (IST) Updated:Fri, 18 Sep 2020 07:32 AM (IST)
पहले आतंक का प्रहार और अब सरकार की उपेक्षा
पहले आतंक का प्रहार और अब सरकार की उपेक्षा

राजेश डोगरा, रियासी

पिछले कई सालों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन व कई बैठकें आयोजित कर सरकार से मांगे पूरी करने को लेकर तलवाड़ा विस्थापित आज भी अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार की तरफ से ना तो उन्हें समय पर आर्थिक सहायता दी जाती है और और ना खाने के लिए राशन। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में विस्थापितों की समस्या और अधिक गंभीर हो जाएगी। वीरवार को एक बार फिर समय पर राशन ना मिलने व अपनी अन्य लंबित मांगों को लेकर तलवाड़ा विस्थापितों ने सरकार के प्रति नाराजगी जताई है। तलवाड़ा विस्थापित एक्शन कमेटी के प्रधान जगदेव सिंह ने कहां तलवाड़ा विस्थापित नारकीय जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं। सरकार की तरफ से अब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया है। इतना ही नहीं सरकार की तरफ न समय पर आर्थिक सहायता दी जाती है और ना खाने पीने की सामग्री मुहैया कराई जाती है। जिन क्वार्टरों में वह रह रहे हैं, उनकी दयनीय हालत से भी वह काफी परेशान है। खासकर बरसात के मौसम में तलवाड़ा कॉलोनी के इन क्वार्टरों में पानी टपकता है। इससे परिवार के पूरे सदस्यों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। सरकार की अनदेखी के चलते विस्थापितों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। विस्थापितों को सरकार की तरफ से प्रत्येक परिवार को प्रति माह 10 हजार रुपए आर्थिक सहायता दी जाती है, लेकिन पिछले 6 माह से कई विस्थापितों को यह सहायता भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। विस्थापितों ने कहा जिला राजौरी व माहौर तहसील के विस्थापितों को मार्च माह के बाद से राशन भी नहीं मिला है। उन्होंने कहा वर्ष 1999 में जब आंतकवाद के डर से लोगों ने पलायन किया था तब सरकार की तरफ से उन्हें हर संभव सहायता मुहैया कराने की बात कही गई थी, लेकिन कई साल बीत जाने के बावजूद भी लोग अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। तलवाड़ा विस्थापित कश्मीरी विस्थापितों के बराबर आवासीय तथा अन्य सुविधाओं मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन अब तक उन्हें सरकार की तरफ से दी जाने वाली सहायता एवं अन्य योजनाओं से वंचित रखा गया है। तलवाड़ा विस्थापितों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनकी मांगों एवं बकाया आर्थिक सहायता व राशन शीघ्र उपलब्ध नहीं कराया गया तो वह एक बार फिर से प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाएंगे। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से तलवाड़ा विस्थापितों की मांगों को शीघ्र पूरा करने की मांग की है। इस दौरान तलवाड़ा में रह रहे विस्थापितों ने डीसी रियासी से तलवाड़ा विस्थापितों के डोमिसाइल प्रमाण पत्र भी तलवाड़ा में ही बनाने की मांग की है। ...

आज भी याद है वो मंजर तलवाड़ा कॉलोनी में विस्थापित होकर रह रहे लोगों का कहना है उन्हें आज भी याद है जब वर्ष 1999 में प्राणकोट, टक्की कोट व नारकोट इलाके में आतंकवादियों द्वारा उनके परिवार के सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया गया था। तब वह अपनी मातृभूमि को छोड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन हालात एवं अपने परिवार की सुरक्षा के लिए उन्हें अपनी मातृभूमि एवं घरों को छोड़कर तलवाड़ा में विस्थापित होना पड़ा था, लेकिन सरकार ध्यान नहीं दे रही है। ...

तलवाड़ा विस्थापितों की मांगों को लेकर वह कई बार स्थानीय प्रशासन को अवगत करवा चुके हैं, लेकिन उनकी मांगों को समय पर पूरा नहीं किया जा रहा है। अगर सरकार व स्थानीय प्रशासन की तरफ से तलवाड़ा विस्थापितों की मांगों को समय पर पूरा किया जाता है या फिर कश्मीरी विस्थापितों के मुताबिक उन्हें सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं तो उनकी समस्या हल हो सकती है।

- जगदेव सिंह, प्रधान तलवाड़ा विस्थापित कॉलोनी।

--------- तलवाड़ा कॉलोनी के विस्थापितों की समस्याओं को लेकर स्थानीय प्रशासन गंभीर है। उनकी आर्थिक सहायता और राशन को लेकर आने वाली समस्याओं को बहुत जल्द हल कर दिया जाएगा।

- इंदु कंवल चिब, डीसी रियासी।

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