मचैल जा रहे वाहनों पर गिरीं चट्टानें, सात की मौत व 12 घायल

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले के कुलीगढ़ इलाके में सोमवार सुबह

By JagranEdited By: Publish:Tue, 21 Aug 2018 02:40 AM (IST) Updated:Tue, 21 Aug 2018 02:40 AM (IST)
मचैल जा रहे वाहनों पर गिरीं चट्टानें, सात की मौत व 12 घायल
मचैल जा रहे वाहनों पर गिरीं चट्टानें, सात की मौत व 12 घायल

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ :

जम्मू संभाग के किश्तवाड़ जिले के कुलीगढ़ इलाके में सोमवार सुबह मचैल यात्रा पर जा रहे दो वाहनों पर पहाड़ से चट्टानें व मलबा गिरने से सात लोगों की मौत और 12 अन्य जख्मी हो गए। घायलों को डोडा व किश्तवाड़ के जिला अस्पतालों में भर्ती करवाया गया है। मृतक व घायल सभी स्थानीय हैं।

पुलिस के मुताबिक, मेटाडोर नंबर जेके14डी-3812 और मारुति कार नंबर जेके02के-5777 सुबह ठाठरी से किश्तवाड़ की तरफ जा रही थी। मेटाडोर ऊधमपुर से मनवार रूट की थी। मेटाडोर तथा कार पर लाल रंग की चुनरी लगी थी और उसमें श्रद्धालु सवार थे। सुबह करीब पौने 11 बजे दोनों वाहन जैसे ही कुलीगढ़ इलाके से गुजर रहे थे कि अचानक वहां पर भूस्खलन संभावित क्षेत्र से अचानक भारी मलबा नीचे गिरा। इसकी चपेट में दोनों वाहन आकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। हादसे की सूचना मिलते ही जिला आयुक्त (डीसी) किश्तवाड़ अंग्रेज ¨सह राणा व एसएसपी किश्तवाड़, पुलिस और रेडक्रॉस के वालंटियर्स मौके पर पहुंचे और राहत व बचाव कार्य शुरू किया।

घायलों को वाहनों से बाहर निकालकर किश्तवाड़ और डोडा जिला के अस्पतालों में पहुंचाया गया। इसके बाद क्षतिग्रस्त वाहन में फंसे शवों को छत हटाकर कड़ी मशक्कत से निकाला गया। हादसे में कुल सात लोगों की मौत हो गई, जिसमें से तीन ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। एक घायल मोहम्मद हुसैन ने जम्मू रेफर करते समय हेलीपैड पर दम तोड़ दिया। उसके शव को ठाठरी अस्पताल के शवगृह में रखा गया है। मोहम्मद हुसैन ठाठरी से मचैल यात्रा जाने वाली मेटाडोर पर बैठा था। जबकि तीन घायलों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

डीसी किश्तवाड़ अंग्रेज ¨सह ने बताया कि मृतकों के परिजनों को सरकार की तरफ से चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा, जबकि 40 से 59 फीसदी अपंगता वाले घायलों को 59,100 रुपये और 60 से ज्यादा प्रतिशत अपंगता वालों को दो लाख मुआवजा दिया जाएगा। मृतकों की पहचान :

1. सिलेक्शन ग्रेड कांस्टेबल केवल कुमार पुत्र बोध राज निवासी कावा ऊधमपुर।

2. अमरनाथ पुत्र बली राम निवासी बसंतगढ़।

3. असंकदा देवी पुत्री केवल कुमार निवासी ऊधमपुर।

4. मोहम्मद हुसैन (40) पुत्र करीम दीन निवासी बलग्रां बोंजवां।

-तीन की पहचान नहीं हो पाई है। डोडा अस्पताल में भर्ती घायल :

1. कल्याण ¨सह (40) पुत्र फकीर ¨सह निवासी भद्रवाह।

2. सुभाष चंद्र (45) पुत्र जय कृष्ण निवासी भद्रवाह।

3. रीता देवी (35) पत्नी सुभाष चंद्र निवासी भद्रवाह।

4. मान ¨सह (23) पुत्र ओम प्रकाश निवासी ऊधमपुर।

5. रहीम अली(50) पुत्र आलाम निवासी कठुआ। किश्तवाड़ अस्पताल में भर्ती घायल

6. राज कुमार (28) पुत्र काकू राम निवासी ऊधमपुर।

7. सुनील कुमार (22) पुत्र राम लाल निवासी ऊधमपुर।

8. वासू (10) पुत्र केवल कुमार निवासी ऊधमपुर।

9. दीपक (40) पुत्र काकू राम निवासी ऊधमपुर।

10. काकू राम (55) निवासी ऊधमपुर।

11. देव राज (50) पुत्र चोडु राम निवासी बलग्रान।

12. सुदेश कुमार (39) पुत्र मुंशी राम निवासी ऊधमपुर। खराब मौसम बना एयरलिफ्ट में बाधा :

डीसी किश्तवाड़ अंग्रेज ¨सह राणा ने बताया कि हादसे में गंभीर रूप से घायलों को एयरलिफ्ट कर जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचाया जाना था। इसके लिए एयरफोर्स से संपर्क किया गया। एयरफोर्स के हेलीकाप्टर ने पत्नीटॉप हेलीपैड से किश्तवाड़ आकर कई बार उतरने के प्रयास किए, मगर यहां मौसम खराब होने के कारण वह नहीं उतर पाया। इस वजह से एक मरीज ने हेलीपैड़ पर दम तोड़ दिया। इसके बाद कुछ मरीजों को सड़क मार्ग से जम्मू रेफर किया गया। कुलीगढ़ में पहले भी हो चुके हैं ऐसे हादसे :

कुलीगढ़ में जिस जगह हादसा हुआ वहां पहले भी पहाड़ से मलबा, चट्टानें और पत्थर गिरने से कई लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। पिछले साल इस जगह पर भूस्खलन होने से करीब एक पखवाड़े तक रास्ता बंद रहा था। मार्ग खुलने के कुछ दिन बाद यहां से एक कार में जा रहा परिवार भी इसी तरह हादसे का शिकार हुआ, जिसमें एक महिला व उसकी बेटी की मौत हो गई। इस स्थान को सुरक्षित बनाने के लिए प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। इस बारे में डीसी किश्तवाड़ अंग्रेज ¨सह ने कहा कि कुलीगढ़ में यह छोटा सा हिस्सा बेहद खतरनाक है। उन्होंने संबंधित विभाग से ढीली चट्टानों को हटाने के लिए विस्फोट करने के बारे में पूछा था। मगर उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले ऐसा करने के बाद कई महीनों तक मलबा गिरता रहा। डीसी ने कहा कि इस जगह पर सुरक्षित आवागमन के लिए क्या विकल्प हो सकते हैं। इसे लेकर संबंधित विभाग को लिखा जाएगा और संभावित विकल्पों पर विचार कर काम शुरू करवाया जाएगा।

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