पवित्र छड़ी के साथ बढ़े मचैल यात्री, पाडर के लोगों की बढ़ी चिंता

संवाद सहयोगी किश्तवाड़ मचैल यात्रा के लिए दूसरे जिलों से यात्रियों के आने का सिलसिला जारी है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 10 Sep 2020 07:14 AM (IST) Updated:Thu, 10 Sep 2020 07:14 AM (IST)
पवित्र छड़ी के साथ बढ़े मचैल यात्री, पाडर के लोगों की बढ़ी चिंता
पवित्र छड़ी के साथ बढ़े मचैल यात्री, पाडर के लोगों की बढ़ी चिंता

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : मचैल यात्रा के लिए दूसरे जिलों से यात्रियों के आने का सिलसिला जारी है। भीड़ बढ़ने से पाडर इलाके के लोगों में चिंता के साथ प्रशासन के खिलाफ नाराजगी बढ़ती जा रही है। प्रशासन ने जम्मू से पवित्र छड़ी मचैल ले जाने के लिए सिर्फ पांच लोगों को अनुमति दी थी। छड़ी रवाना होने के साथ ही यात्रियों की भीड़ भी बढ़ती जा रही है।

कोरोना के चलते बाकी मंदिरों की तरह मचैल में भी बाहर के यात्रियों के आने की मनाही की गई थी। सर्वशक्ति सेवक संस्था के लोगों ने प्रशासन से परंपरा के अनुसार माता की पवित्र छड़ी ले जाने की अनुमति मांगी थी। प्रशासन ने लिखित में सिर्फ पाच लोगों को छड़ी के साथ जाने की इजाजत दी। जैसे ही छड़ी जम्मू से निकली तो धीरे-धीरे यात्रियों की संख्या भी बढ़ने लगी। शुरुआती तौर पर पुलिस ने कई जगहों पर उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन हर यात्री कोई न कोई बहाना बनाकर या किसी न किसी की सिफारिश लगाकर चलता रहा। रास्ते में पड़ने वाले गाव के लोगों ने यह फैसला किया था कि किसी भी यात्री को अपने घरों में नहीं रखा जाए। कहीं क्षेत्र में कोरोना वायरस का संक्रमण न बढ़ जाए। सिर्फ जहा पर संस्था की धर्मशाला थी, वहा पर यात्री ठहरते रहे। लेकिन छड़ी के वापस आने के बाद भी यह सिलसिला चलता रहा और बेरोकटोक यात्री चलते रहे।

अब जैसे ही लोगों को यह पता चल रहा है कि जम्मू, ऊधमपुर, किश्तवाड़ और अन्य जिलों में कोरोना के पॉजिटिव मामले बढ़ रहे हैं तो लोगों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि अन्य जिलों के यात्रियों को गुलाबगढ़ से आगे नहीं जाने दिया जाए। रास्ते में न तो कोई खाने-पीने की व्यवस्था है और न ही रहने की। इसलिए अगर कोई यात्री आता है तो उसे परेशानी होगी, जो पाडर के लोगों को गंवारा नहीं होगा।

पुलिस का रवैया लापरवाहीपूर्ण

क्षेत्र के लोगों का आरोप है कि पुलिस के लापरवाह रवैये के कारण भीड़ बढ़ती जा रही है। पुलिस ठाठरी में पूछताछ तो करती है, लेकिन जब कोई यह कहता है कि उसे किश्तवाड़ तक ही जाना है तो उसे जाने दिया जाता है। उसके बाद पाडर इलाके के लाई गाव के पास पुलिस नाका है। यहा पर यात्रियों को रोका जाता है, लेकिन यात्री कोई न कोई बहाना बनाकर वहा से निकल आते हैं। मचैल रोड पर लगाएं नाका

पुलिस को चाहिए कि अगर यात्रियों को रोकना है तो मचैल रोड पर ही अपना नाका लगाएं, न कि दूर स्थित लाई गाव में। लाई तक पहुंच जाने के बाद यात्री किसी न किसी तरह आगे चला जाता है। अगर पुलिस का नाका मचैल सड़क पर हो तो कोई भी बगैर इसकी इजाजत के वहा से नहीं जा सकता। ग्रामीणों का कहना था कि उन्होंने पुलिस द्वारा भी वायरलेस मैसेज प्रशासन को करवाए हैं। प्रशासन को समस्या पर गौर करना चाहिए।

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