संथन टाप की सड़क बंद रहने से किश्तवाड़ के लोगों की बढ़ जाती हैं मुसीबतें

बलवीर सिंह जम्वाल किश्तवाड़ सर्दी शुरू होते ही संथन टाप-अनंतनाग मार्ग बर्फबारी के कारण्

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Jan 2022 06:18 AM (IST) Updated:Tue, 18 Jan 2022 06:18 AM (IST)
संथन टाप की सड़क बंद रहने से किश्तवाड़ के लोगों की बढ़ जाती हैं मुसीबतें
संथन टाप की सड़क बंद रहने से किश्तवाड़ के लोगों की बढ़ जाती हैं मुसीबतें

बलवीर सिंह जम्वाल, किश्तवाड़ :

सर्दी शुरू होते ही संथन टाप-अनंतनाग मार्ग बर्फबारी के कारण बंद हो जाता है, जिससे श्रीनगर जाने में किश्तवाड़ जिले को लोगों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। उन्हें करीब 150 किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ती है, जिससे समय और पैसा दोनों बर्बाद होता है। यह मार्ग सर्दी शुरू होने के बाद से करीब छह माह बंद रहता है। इधर, करीब 20 दिन से यह मार्ग बंद चल रहा है।

किश्तवाड़ से संथन टाप मात्र 83 किलोमीटर है और संथन टाप से अनंतनाग 70 किलोमीटर। यह सड़क डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़ से श्रीनगर जाने के लिए बहुत ही आसान मार्ग है। इस मार्ग से मात्र पांच घंटे में किश्तवाड़ से श्रीनगर पहुंचा जा सकता है, लेकिन इस सड़क को खुला रखने में प्रशासन व सरकार की ओर से कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। हालांकि ऐसी ही सड़क मुगल रोड भी है, जो पुंछ और श्रीनगर को आपस में जोड़ती है। वह सड़क तब बंद होती है जब बहुत ज्यादा बर्फबारी हो जाए और बर्फबारी बंद होने के बाद मुगल रोड को जल्दी खोल भी दिया जाता है, लेकिन संथंन की सड़क पर किसी का ध्यान नहीं है। हालांकि इस सड़क को बनाने में करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं। पहले यह सड़क ग्रेफ के पास होती थी। उसके बाद ग्रेफ से यह सड़क लेकर आरएंडवी को सौंप दी गई। करीब डेढ़ साल पहले केंद्र सरकार ने अपनी योजनाओं के तहत बटोत से लेकर संथन टाप तक की सड़क राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) के हवाले कर दी। इस समय एनएचआइडीसीएल इसकी देखरेख कर रही है और इस सड़क को खुला करने का काम भी कर रही है। लेकिन जैसे ही सर्दी शुरू होती है तो थोड़ी सी बर्फ गिरने के बाद बुडसर से आगे करीब 30 किलोमीटर संथन टाप तक सड़क पूरी तरह से बंद हो जाती है। अगर कंपनी चाहे तो साथ-साथ में बर्फ को हटाया भी जा सकता है, लेकिन इस बारे में किसी का भी कोई ध्यान नहीं है। नवंबर में बर्फ पड़नी शुरू होते ही सड़क बंद कर दी जाती है और अप्रैल-मई के बाद इस सड़क को खोला जाता है। हालांकि सड़क पर ज्यादा बर्फबारी करीब 15 किलोमीटर इलाके में ही होती है। अगर एनएचआइडीसीएल चाहे तो सड़क खोल भी सकती है। अगर ज्यादा बर्फ गिर जाए तो कुछ दिन तक सड़क को बंद रखा जा सकता है, लेकिन यह सड़क तो कभी पांच तो कभी छह महीने तक बंद रहती है। इससे लोगों को बाया बटोत, रामबन, बनिहाल से होकर श्रीनगर जाना पड़ता है, जोकि 300 किलोमीटर से ज्यादा सफर बनता है और बटोत से लेकर बनिहाल तक सड़क की हालत भी खस्ता होने की वजह से रुकना पड़ता है। इस सड़क से डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़ के लोगों को कई फायदे

इस सड़क के जरिए कश्मीर से सब्जियां, फल किश्तवाड़ पहुंचाए जाते हैं और इलाके के लोगों का कश्मीर के साथ कारोबार भी बढ़ता है। किसी आपातकालीन स्थिति में इस सड़क का इस्तेमाल किया जा सकता है। जैसे कि 2014 में कश्मीर में बाढ़ आ जाने की वजह से बनिहाल, रामबन, बटोत की सड़क पूरी तरह बंद हो गई थी तो श्रीनगर के लिए इस सड़क से सामान पहुंचाया जाता रहा और वहां से लोगों को भी निकालने में इस सड़क का अहम योगदान रहा। अगर ज्यादा बर्फबारी से सड़क बंद रहे तो अलग बात है, लेकिन इस सड़क पर मामूली बर्फ पड़ने पर भी कोई ध्यान नहीं देता। इससे जल्दी ही सड़क को बंद कर दिया जाता है। इलाके की आधी से ज्यादा आबादी श्रीनगर अपने काम से आती-जाती रहती है। यह लोगों के लिए आसान सड़क है। कुछ लोग तो श्रीनगर में अपना इलाज कराने के लिए भी जाते हैं, लेकिन जब यह सड़क बंद हो जाती है तो लोगों को बटोत, रामबन के रास्ते से श्रीनगर जाना पड़ता है। अगर सरकार चाहे तो इस सड़क को साल के 11 महीने खुला रख सकती है।

- शाकिर सिद्दीकी, निवासी किश्तवाड़ जब बर्फ कम होती है तो हम एनएचआइडीसीएल के अधिकारियों से कहकर सड़क को साफ करवा देते हैं, लेकिन ज्यादा बर्फबारीहोने पर उसे उठाना थोड़ा कठिन काम होता है। पिछले वर्ष भी फरवरी में ही बर्फ को हटाने का काम शुरू कर दिया गया था, लेकिन बीच-बीच में बर्फ पड़ जाने से काम में रुकावट आती रही। इस वर्ष भी जैसे ही बर्फबारी बंद होगी तो सड़क को खोलने का काम शुरू कर दिया जाएगा।

- अशोक शर्मा, जिला उपायुक्त किश्तवाड़

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