गम, गुस्से और क‌र्फ्यू के बीच परिहार बंधुओं का अंतिम संस्कार

बारिश के बीच दी गई अंतिम विदाई के दौरान सभी की आंखें नम थीं। अंतिम संस्कार के बाद गुस्साए लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कस्बे में प्रदर्शन करना चाहा

By Edited By: Publish:Sat, 03 Nov 2018 08:33 AM (IST) Updated:Sat, 03 Nov 2018 11:44 AM (IST)
गम, गुस्से और क‌र्फ्यू के बीच परिहार बंधुओं का अंतिम संस्कार
गम, गुस्से और क‌र्फ्यू के बीच परिहार बंधुओं का अंतिम संस्कार

जागरण न्यूज नेटवर्क, किश्तवाड़/जम्मू : किश्तवाड़ में आतंकी हमले में मारे गए भाजपा के सचिव अनिल परिहार और उनके बड़े भाई अजीत परिहार का शुक्रवार को गम, गुस्से व क‌र्फ्यू के बीच अंतिम संस्कार कर दिया गया। किश्तवाड़ के चौगान स्थित शमशान घाट में करीब दस हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में परिहार बंधु एक ही चिता पर पंचतत्व में विलीन हुए। बारिश के बीच दी गई अंतिम विदाई के दौरान सभी की आंखें नम थीं। अंतिम संस्कार के बाद गुस्साए लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कस्बे में प्रदर्शन करना चाहा, लेकिन सेना ने उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से रोककर आगे नहीं जाने दिया।

इस बीच, प्रशासन ने हत्या की साजिश की गुत्थी सुलझाने और इसमें लिप्त आतंकियों को पकड़ने के लिए एसपी रैंक के अधिकारी परबीत सिंह के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है। दिवंगत नेता के दो अंगरक्षकों के अलावा उनके एक नौकर को भी पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। इसके अलावा कुछ और संदिग्ध तत्वों और आतंकियों के ओवरग्राउंड वर्करों की निशानदेही भी की जा रही है। हालात से निपटने के लिए एसएसपी रैंक के तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को अपने दल बल समेत अतिरिक्त तौर पर किश्तवाड़ में तैनात किया गया है। किश्तवाड़ में वीरवार रात को हुए आतंकी हमले के बाद से क्षेत्र में भारी तनाव था। ऐसे में परिहार बंधुओं का अंतिम संस्कार कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ।

शुक्रवार को भी क‌र्फ्यू रहा और सेना की चार कंपनियां गश्त करती रहीं। अजीत ¨सह के बड़े बेटे कर्णजीत ने शाम करीब चार बजे अपने पिता व चाचा को मुखग्नि दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रविंद्र रैना के अलावा क्षेत्र के कई गणमान्य लोग, राजनीतिक पार्टियों के नेता भी मौजूद रहे। इससे पूर्व परिहार बंधुओं के शवों का पोस्टमार्टम करवाने के बाद वारिसों के सुपुर्द कर दिया गया। दोनों के शव घर पहुंचते ही मातम छा गया और पूरे परिवार की करुणामयी चित्कारों से वातावरण गूंज उठा। यह नजारा देख कर हर किसी की आंख नम हो गई। क‌र्फ्यू के बावजूद बड़ी संख्या में लोग रात को ही परिहार बंधुओं के घर पहुंचने लगे थे। सुबह भी क‌र्फ्यू में कोई ढील नहीं दी गई। दोपहर तक जम्मू व ऊधमपुर से भाजपा के काफी नेता, कार्यकर्ता भी किश्तवाड़ पहुंच गए।

रविंद्र रैना व ऊधमपुर-डोडा के सांसद डॉ. जितेंद्र सिंह के अलावा सांसद जुगल किशोर शर्मा, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता, अशोक कौल, नरेंद्र ¨सह, युद्धवीर सेठी, पवन खजूरिया, बाली भगत, रमेश अरोड़ा, विक्रम रंधावा व अरुण छिब्बर आदि शोक जताने के लिए अनिल परिहार के घर पहुंचे। उन्होंने शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने के साथ विश्वास दिलाया कि हत्यारे बचेंगे नहीं। दोपहर तीन बजे बारिश व गमगीन माहौल के बीच परिहार बंधुओं की अंतिम यात्रा उनके घर से निकली। अनिल परिहार के शव पर पार्टी का ध्वज रखा गया था।

जितेंद्र सिंह को झेलनी पड़ी नाराजगी : किश्तवाड़ पहुंचे केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह को लोगों के गुस्से का सामना भी करना पड़ा। गुस्साए लोगों ने जितेंद्र सिंह के साथ धक्का-मुक्की भी की। लोगों का कहना था कि आतंकवाद के खात्मे को लेकर केंद्र की नीतियां कारगर साबित नहीं हो रही हैं।

पूरे जम्मू संभाग में हुए विरोध प्रदर्शन : भाजपा के सचिव अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की आतंकी हमले में मौत के विरोध में पूरे जम्मू संभाग में जगह-जगह विरोध प्रदर्शन हुए। जम्मू में स्थानीय लोगों के अलावा बजरंग दल व भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कड़ा विरोध जताया। कई जगह टायर जलाकर रास्ता भी रोका गया।

सलाहकार ने लिया सुरक्षा हालात का जायजा : राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार ने जम्मू में राज्य पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह व अन्य उच्च पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर किश्तवाड़ की घटना और इससे पैदा हालात पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने भाजपा नेता की हत्या में लिप्त आतंकियों को पकड़ने के लिए पुलिस द्वारा शुरू की गई कवायद और भाजपा नेता को प्रदान किए गए सुरक्षा कवच के बारे में जानकारी ली। उन्होंने राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव और कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए पुलिस को हरसंभव कदम उठाने और भाजपा नेता की हत्या की साजिश की गुत्थी को जल्द हल करने के निर्देश दिए। उन्होंने राजनीतिक दलों के वरिष्ठ नेताओं को आतंकी खतरे का नए सिरे से आकलन कर उनकी सुक्षा व्यवस्था में सुधार का भी निर्देश दिया।

हत्यारे रख रहे थे भाजपा नेता की गतिविधि पर नजर : मामले की जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वारदात में पिस्तौल इस्तेमाल हुई है, लेकिन घटनास्थल पर एसाल्ट राइफल का भी कारतूस मिला है। इसके अलावा जिन हालात में यह वारदात अंजाम दी गई है, उससे लगता है कि हत्यारे भाजपा नेता और उनके भाई की गतिविधि पर लगातार नजर रखे हुए थे। उन्हें पता था कि उनके अंगरक्षक ओम प्रकाश व साहिल उनके साथ नहीं हैं। भाजपा नेता और उनके भाई घर जाने के लिए कौन सा रास्ता ले रहे हैं, यह भी हत्यारों को पता था।

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