न जागरूकता न कार्रवाई, गीला व सूखा कचरा जमा हो रहा एक साथ

जागरण संवाददाता ऊधमपुर नगर परिषद ने ऊधमपुर में राज्य का पहला किलवेस्ट प्रोजेक्ट शुरू त

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Jan 2020 08:28 AM (IST) Updated:Sun, 05 Jan 2020 08:28 AM (IST)
न जागरूकता न कार्रवाई, गीला व सूखा कचरा जमा हो रहा एक साथ
न जागरूकता न कार्रवाई, गीला व सूखा कचरा जमा हो रहा एक साथ

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : नगर परिषद ने ऊधमपुर में राज्य का पहला किलवेस्ट प्रोजेक्ट शुरू तो कर दिया है, मगर घरों से अलग-अलग कचरा एकत्रित करना नगर परिषद के लिए टेढ़ी खीर साबित होने वाला है। लोगों को अलग-अलग कचरा एकत्रित करने को कहने पर सफाई कर्मचारियों और लोगों में बहस तक हो रही है। नगर परिषद को यह व्यवस्था लागू करवाने के लिए सभी पार्षदों के सहयोग से जागरूक करने के साथ सख्त कदम उठाने की जरूरत है। सोमवार से दस पार्षद अपने वार्डो में यह व्यवस्था लागू करने के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू करेंगे। इस व्यवस्था का पालन न करने वालों पर क्या कार्रवाई हो, यह फैसला भी सोमवार या मंगलवार को नगर परिषद की बैठक में होगा।

नगर परिषद ने पिछले साल 21 दिसंबर को ऊधमपुर के सुई में कचरे के निस्तारण के लिए किलवेस्ट प्रोजेक्ट लगाया। 11 कनाल जमीन पर 60 लाख रुपये की लागत से बनाए गए इस प्रोजेक्ट की मदद से प्रति घंटा 250 क्विंटल कचरा नष्ट करने की क्षमता है। मगर यह प्रोजेक्ट केवल सूखे कचरे को ही नष्ट करता है। इसकी मदद से गीला कचरा नष्ट नहीं होता। इस वजह से इस प्रोजेक्ट के लिए सूखा कचरा होना जरूरी है। जबकि शहर में हर जगह पर गीला और सूखा कचरा एक ही साथ जमा किया और फेंका जा रहा है। ऐसे में प्रोजेक्ट के लिए सूखे कचरे की व्यवस्था करना मुश्किल भरा काम है। किलवेस्ट प्रोजेक्ट का काम शुरू करने के साथ ही इस नगर परिषद ने लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा करने के लिए जागरूक किया। यहां तक कि घर-घर से कचरा एकत्रित करने का ठेका लेने वाली कंपनी ने लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा करने के लिए नीले और हरे रंग के दो- दो कूड़ेदान भी दिए। मगर अभी तक न तो लोगों ने गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा करना शुरू किया और न ही नगर परिषद ही ऐसा कराने के लिए कुछ ठोस कदम उठा पाई है।

शहर के 21 वार्डो में से लोगों के घरों से कचरा उठाने का काम करने वाली कंपनी तक ने वाहनों में अभी तक अलग-अलग कंपार्टमेंट नहीं बनाए हैं। ऐसे में घरों के स्तर पर कचरा अगल हो भी जाए तो वाहन में वह फिर से मिल जाएगा। जबकि नगर परिषद ने कंपनी को वाहनों में गीले और सूखे कचरे को एकत्रित करने के लिए दो अलग कंपार्टमेंट बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बावजूद कंपनी के वाहन में गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग जमा करने के लिए कोई विभाजन नहीं किया गया है। यहां तक कि निजी कंपनी के कर्मचारी न तो नियमित रूप से कचरा एकत्रित करने आते हैं न ही एक समय पर। इससे भी लोगों को परेशानी होती है। अलग-अलग न रखने वालों का भी लिया जा रहा कचरा

हालांकि सुई में किलवेस्ट प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद सूखे कचरे को प्रारंभिक स्तर पर घर पर ही अलग-अलग करवाने के लिए नगर परिषद ने जागरूकता के साथ ही कार्रवाई की बात कही थी। नगर परिषद ने कहा था कि कचरा अलग-अलग जमा न करने वालों पर कचरा न उठाने के साथ बार-बार ऐसा करने वालों पर जुर्माना लगा कर कार्रवाई की जाएगी। आज किलवेस्ट प्रोजेक्ट को शुरू हुए एक पखवाड़ा हो चुका है, मगर अभी तक नगर परिषद की ओर से घरों के स्तर पर कचरा अलग-अलग करने की न तो व्यवस्था लागू हो पाई है और न ही नगर परिषद ने कोई कार्रवाई या जागरूकता के लिए कोई कदम उठाया है। यहां तक कि इस व्यवस्था को किस तरह से लागू किया जाएगा, उसे लेकर भी कोई फैसला नहीं लिया जा सका है। किलवेस्ट प्रोजेक्ट में रोजाना दो से ढाई टन तक कचरा किया जा रहा नष्ट

सुई में किलवेस्ट प्रोजेक्ट के लिए भले ही घरों में अलग-अलग कचरा एकत्रित नहीं हो पा रहा, मगर इसके बावजूद किलवेस्ट प्रोजेक्ट में रोजाना दो से ढाई टन तक कचरा नष्ट किया जा रहा है। लोगों के घरों से एकत्रित होने वाले कचरों को अलग (सेग्रीगेट) करने के लिए पांच सफाई कर्मचारी लगाए हैं, जो सूखा कचरा अलग करते हैं। रोजाना किलवेस्ट के आठ से दस साइकिल चलते हैं। हर साइकिल में 250 किलोग्राम कचरा नष्ट किया जाता है। सुई में लगाए गए किलवेस्ट प्रोजेक्ट के लिए सूखे कचरा की जरूरत होती है। अभी तक घरों में लोग अलग-अलग कचरा जमा नहीं कर रहे। नगर परिषद ने निजी सफाई कर्मचारियों को अलग-अलग कचरा जमा न करने वालों का कचरा एकत्रित न करने की हिदायत भी दी थी, मगर ऐसा करने पर कई वार्डो में लोग कंपनी के सफाई कर्मचारियों के साथ बहसबाजी पर उतर आए। कचरा एक गंभीर समस्या है। लोगों की सभी प्रकार के कचरे को एक साथ जमा करने की आदत पुरानी है। लोगों को इसे छोड़ने के लिए प्रेरित करने के लिए जागरूकता बेहद जरूरी है। इसके साथ ही कार्रवाई के तौर पर जुर्माना भी आवश्यक है। पहले जागरूकता की जाएगी और इससे बाद भी न माने पर कार्रवाई। शहर की स्वच्छता सभी पार्षदों की जिम्मेदारी है। इसलिए सभी पार्षदों से इसमें सहयोग की अपील की जाएगी। सोमवार से दस पार्षद अपने वार्डो में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए लोगों को जागरूक करना शुरू करेंगे। इसके साथ ही इस व्यवस्था का पालन न करने वालों पर क्या कार्रवाई की जाए, यह फैसला भी सोमवार या मंगलवार को नगर परिषद की बैठक में लिया जाएगा। पहले यह बैठक दिसंबर के अंतिम सप्ताह में होनी थी, मगर निजी व्यवस्था के चलते यह बैठक नहीं हो सकी।

- डॉ. जोगेश्वर गुप्ता, नगर परिषद अध्यक्ष, ऊधमपुर

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