बिजली चोरी और ओवरलोडिग करना अब नहीं होगा आसान

अमित माही ऊधमपुर बिजली की चोरी के साथ क्षमता से अधिक लोड का प्रयोग रोकने और शहर में

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 Jan 2022 06:06 AM (IST) Updated:Sun, 16 Jan 2022 06:06 AM (IST)
बिजली चोरी और ओवरलोडिग करना अब नहीं होगा आसान
बिजली चोरी और ओवरलोडिग करना अब नहीं होगा आसान

अमित माही, ऊधमपुर :

बिजली की चोरी के साथ क्षमता से अधिक लोड का प्रयोग रोकने और शहर में आपूर्ति व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए विभाग ने सैनिटाइजेशन अभियान शुरू किया है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले के चार फीडरों में यह सैनिटाइजेशन अभियान शुरू किया गया है। इसके तहत फीडर से चलने वाले हर कनेक्शन के लोड, मीटर और तार की स्थिति का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के बाद क्षमता के मुताबिक ट्रांसफार्मर के लोड बढ़ाए जाएंगे और एरियल बंच केबल (एबीसी) केबल बिछाई जाएगी। इससे कुंडी लगाकर बिजली चोरी रुकेगी और क्षमता से अधिक लोड करने वालों का भी आसानी से पता चल जाएगा।

चोरी और क्षमता से अधिक लोड का प्रयोग बिजली विभाग के लिए बड़ी समस्या बना हुआ है। इन दोनों से राजस्व का नुकसान तो होता ही है, साथ ही क्षमता से अधिक लोड का प्रयोग होने से बिजली की बिछाई गई एरियल बंच केबल और डिस्ट्रिब्यूशन बाक्स के जलने से नुकसान होता है। इसके साथ ही बिजली आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होती है। इससे विभाग पर पर भी लोग सवालिया निशान लगाते हैं।

इस समस्या के समाधान के लिए बिजली विभाग पूरे जिले में सर्वे करेगा। विभाग ने ट्रायल के तौर पर इसकी शुरुआत कर दी है और जिले में चार फीडरों को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर सर्वे के लिए लिया है। दिसंबर के मध्य सप्ताह से बिजली विभाग ने जिले में अपनी चार सब डिवीजनों के चार विभिन्न फीडरों को चुना है, जिसमें मुख्य आपूर्ति लाइन की स्थिति के अलावा हर घर, दुकान और संस्थान की बिजली आपूर्ति लाइन, मीटर की स्थिति, लोड क्षमता व बकाया बिल की जांच शुरू कर दी है।

सर्वे के दौरान जिनका लोड प्रयोग किए जा रहे लोड से कम है, उनका लोड बढ़ाया जा रहा है। बिजली चोरी और क्षमता से अधिक लोड के प्रयोग का जुर्माना वसूला जा रहा है। खराब या बंद मीटरों को बदला जा रहा है।

सैनिटाइजेशन सर्वे का काम पूरा हो जाने के बाद बिजली विभाग उपभोक्ताओं के मुताबिक डिस्ट्रिब्यूशन ट्रांसफार्मरों की क्षमता को अपग्रेड करेगा। इसके साथ ही बिजली की पुरानी एल्यूमीनियम वाली कंडक्टर लाइन को एरियल बंच केबल के साथ बदला जाएगा। एरियल बंच केबल बिछने के बाद कुंडी लगाकर बिजली चोरी करना संभव नहीं होगा। इसके साथ ही क्षमता से अधिक लोड का प्रयोग करना भी संभव नहीं होगा। क्योंकि अधिक लोड का प्रयोग करने पर लाइन या डिस्ट्रिब्यूशन बाक्स के क्षतिग्रस्त होने पर विभाग आसानी से पता कर लेगा कि किसने क्षमता से ज्यादा लोड इस्तेमाल किया है। जिले में सैनिटाइजेशन सर्वे का काम 60 फीसद पूरा

पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले में जारी सैनिटाइजेशन सर्वे का काम 60 फीसद पूरा हो चुका है। जिले की चारों सब डिवीजनों में बिजली विभाग के अधिकारियों की टीमें अपने क्षेत्र में हर घर और दुकान का सर्वे कर रही हैं। सर्वे के दौरान लोड बढ़ाने के साथ आवश्यकता के मुताबिक लोगों के नए कनेक्शन भी लगवाए जा रहे हैं। बारिश की वजह से अभियान कुछ दिनों के लिए प्रभावित हुआ है, मगर विभाग जनवरी के अंत तक सर्वे का काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित कर चल रहा है। सर्वे पूरा होने के बाद लोड के मुताबिक ही आपूर्ति ट्रांसफार्मर लगाए जाएंगे। क्षमता से अधिक लोड का पता फिजिकल सर्वे कर लगाया जा सकता है। इसके अलावा मीटर में भी उपभोक्ता की ओर से प्रयोग किए गए अधिकतम लोड की जानकारी दर्ज होती है। इसका पता फिजिकल सर्वे के दौरान मीटर की जांच से चल जाता है। वैसे इसके लिए स्कैनर डिवाइस भी आती है, जो अभी तो नहीं आई है, मगर उम्मीद है कि यह भी जल्दी ही विभाग के पास आ जाएगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत लिए गए चारों फीडरों में काम पूरा होने के बाद जिले के सभी फीडरों में भी ऐसा ही बदलाव किया जाएगा।

-अनिल गुप्ता, एक्सईएन, मेंटेनेंस एंड रिपेयरिग इंजीनियर (एमएंडआरई) ऊधमपुर

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