रसाना मामले में इंसाफ की जंग सीबीआइ जांच के बाद होगी खत्म : लाल ¨सह

संवाद सहयोगी, रियासी : कश्मीर में वर्ष 2009 को दो लड़कियों के गायब होने पर सीबीआइ जांच कर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 05 May 2018 08:15 PM (IST) Updated:Sat, 05 May 2018 08:15 PM (IST)
रसाना मामले में इंसाफ की जंग सीबीआइ जांच के बाद होगी खत्म : लाल ¨सह
रसाना मामले में इंसाफ की जंग सीबीआइ जांच के बाद होगी खत्म : लाल ¨सह

संवाद सहयोगी, रियासी : कश्मीर में वर्ष 2009 को दो लड़कियों के गायब होने पर सीबीआइ जांच करवाने की मांग की तख्ती लेकर महबूबा मुफ्ती 40 से 45 दिन असेंबली में रही। तो फिर जम्मू की बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सीबीआइ जांच क्यों नहीं हो सकती? रसाना मामले में जम्मू के लोगों के मान और सम्मान को ठेस पहुंचाई गई है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। रसाना मामले की पीड़िता को इंसाफ दिलाने को शुरू की गई जंग अब सीबीआइ जांच होने पर ही खत्म होगी। यह बातें मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने वाले पूर्व वन मंत्री चौधरी लाल ¨सह ने शनिवार को रियासी में एक सभा में कही।

चौधरी लाल ¨सह सुबह सूला में पहुंचे। वहां से समर्थकों की बाइक रैली के साथ कस्बे के मुख्य रास्तों व चौराहों से होते हुए मुख्य बस अड्डा पहुंचे। सभा में चौधरी लाल ¨सह ने कहा कि रसाना मामले में जम्मू के डोगरों को बदनाम करने की साजिश रची है। जम्मू की पुलिस व प्रेस मीडिया को भी पीछे रखा गया। मामले की जांच कश्मीर की एजेंसी तथा उस व्यक्ति के नेतृत्व में कराई जा रही है। जिस पर पहले से ही हत्या और बलात्कार जैसे संगीन मामले दर्ज है। यह सब एक साजिश के तहत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निर्दोष फंसने नहीं चाहिए और दोषी बचने नहीं चाहिए। सीबीआइ जांच का उद्देश्य सिर्फ पीड़िता को इंसाफ दिलाना है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में कश्मीर में दो कश्मीरी लड़कियां लापता हो गई थी। उस समय महबूबा मुफ्ती सीबीआइ जांच कराने की मांग की तख्ती लेकर 40-45 दिन विधानसभा में मौजूद रही। लड़कियों के लापता होने पर सुरक्षाबलों को फंसाने की साजिश रची गई और फिर बाद में वह लड़कियां पानी में डूब कर मरी पाई गई। उन्होंने कहा कि अगर कश्मीर की लड़कियों के लिए महबूबा मुफ्ती सीबीआइ जांच के लिए आगे आ सकती हैं, तो फिर जम्मू की बेटी के लिए क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि 97 प्रतिशत लोग मामले की सीबीआइ जांच कराने के हक में हैं। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की आलोचना करते हुए कहा कि उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट पर जम्मू के डोगरों को शेम किया।

उन्होंने कहा कि मामले की जंग लगभग 90 प्रतिशत जीत ली गई है। उन्होंने रियासी के लोगों को भी जंग में शामिल होने और 20 मई को हीरानगर चलो रैली में बढ़-चढ़कर शामिल होने का आह्वान किया।

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