भक्तिभाव से मनाया गया बच्छ दुआ पर्व
संवाद सहयोगी कटड़ा बच्छ दुआ पर्व आधार शिविर कटड़ा में भक्तिभाव के साथ मनाया गया। इस म
संवाद सहयोगी, कटड़ा : बच्छ दुआ पर्व आधार शिविर कटड़ा में भक्तिभाव के साथ मनाया गया। इस मौके पर महिलाओं ने अन्न, जल त्याग कर व्रत रखकर अपने परिवार विशेषकर पुत्रों की दीर्घायु की कामना की।
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार एक महिला ने अपनी बहू को मच्छ बनाने को कहा, परंतु उसने गलती से बछड़े को बना दिया। जैसे ही महिला घर पहुंची तो उसने देखा कि बहू ने मच्छ के बजाय बछड़े को काटकर बना दिया है। इस घटना को लेकर महिला अत्यंत दुखी हुई और कटे हुए बछड़े को मिट्टी में दबाकर अन्न, जल त्यागकर ईश्वर से प्रार्थना करने लगी कि ईश्वर इस बछड़े की मां यानी कि गाय के आने से पहले जिंदा कर दो। आखिरकार भगवान ने महिला की करुणामयी आवाज सुनी और बछड़े को जीवित कर दिया। महिला ने भगवान का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने उसकी दुआ कबूल कर ली। इसलिए बच्छ दुआ पर्व अपने बेटों की सलामती के लिए महिलाओं द्वारा अन्न, जल त्याग कर रखा जाता है। इस मौके पर महिलाओं ने आटे के रूट के साथ ही कट्टू, बछा, ओखली, जट्ट, जटनी, बिल्ड यानी कि सात छोटे पत्थर, मास की दाल, चने की दाल, 13 प्रकार के फल या फिर सब्जियां या फिर सूखे मेवे, लाल दुपट्टा, दूध, दही, दारूवा आदि पवित्र नदी के किनारे ले जाकर अपने बेटों के साथ यह धार्मिक पर्व पूरी भक्तिभाव के साथ मनाया और भगवान से अपनी संतान की सुख-शांति और दीर्घायु की कामना की। वहीं, यह पूजा-अर्चना करने के बाद महिलाओं ने अन्न, जल ग्रहण किया।
कटड़ा की पवित्र भूमिका मंदिर नदी के साथ ही बाणगंगा नदी व अन्य बावलियों आदि पर जाकर महिलाओं ने यह पवित्र त्योहार पूरी भक्ति भाव के साथ मनाया।