पॉलीथिन का इस्तेमाल पूरी तरह हो बंद : डीसी

संवाद सहयोगी रियासी स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत रियासी की डीसी इंदु कंवल चिब ने सोम

By JagranEdited By: Publish:Tue, 17 Sep 2019 01:21 AM (IST) Updated:Tue, 17 Sep 2019 01:21 AM (IST)
पॉलीथिन का इस्तेमाल पूरी तरह हो बंद : डीसी
पॉलीथिन का इस्तेमाल पूरी तरह हो बंद : डीसी

संवाद सहयोगी, रियासी : स्वच्छता ही सेवा अभियान के तहत रियासी की डीसी इंदु कंवल चिब ने सोमवार को स्थानीय गार्डन स्टेट हॉल में नगर पालिका कमेटी तथा इलाके के गणमान्य लोगों के साथ बैठक की। उन्होंने पॉलीथिन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करने के साथ ही स्वच्छता अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन बैग तथा प्लास्टिक के कई दुष्परिणाम हैं, इसलिए इसका उपयोग बिल्कुल बंद कर दें तथा दूसरों को भी इस बारे में जागरूक करें।

उन्होंने कहा कि सामान लाने तथा ले जाने के लिए हानि रहित कपड़े तथा लताओं से बने बैग का ही इस्तेमाल करें। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने उस तरह से बने बैग के कुछ नमूने प्रदर्शित करते हुए कहा कि इन्हें महिलाएं अपने घरों में तैयार कर आर्थिक लाभ कमा सकती हैं। चाहें तो महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप बनाकर इस काम को विस्तार पूर्वक कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि पॉलीथिन तथा प्लास्टिक के दुष्परिणाम के बारे में लोगों को जागरूक कर इसका उपयोग पूरी तरह से बंद करने तथा स्वच्छता अपनाने के लिए 11 सितंबर से 2 अक्टूबर तक विशेष मुहिम चलाई गई है। जिसके तहत कार्यक्रम आयोजन कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसी मुहिम में चार दिन में कस्बे के वार्ड नंबर एक और तीन के डंपिग प्वाइंट में साफ-सफाई कर वहां 35 किलो प्लास्टिक को साफ किया गया। उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर के बाद प्लास्टिक के उपयोग की बिल्कुल अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि फल और सब्जी विक्रेताओं द्वारा उत्पन्न कचरे के निपटान की भी योजना तैयार की जा रही है। प्लास्टिक व पॉलीथिन का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद और स्वच्छता के लिए आम लोगों का सहयोग सबसे अहम है। इसलिए हर कोई जिम्मेदार नागरिक बनकर इन हानिकारक चीजों को पूरी तरह से बंद करने में अपना सहयोग दे।

बता दें कि डीसी पॉलीथिन बैग और प्लास्टिक का उपयोग बंद करने पर इतनी गंभीर हैं कि सुबह की सैर के दौरान उन्हें जहां भी पॉलीथिन के बैग या प्लास्टिक की बोतलें आदि नजर आती हैं तो वह खुद ही वहां साफ करने में जुट जाती हैं। उन्हें ऐसा करता देख अन्य लोग भी श्रमदान के लिए आगे आ रहे हैं।

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