जिसने भी देखा खूब प्रशंसा किया

By Edited By: Publish:Sat, 28 Apr 2012 08:48 PM (IST) Updated:Sat, 28 Apr 2012 08:49 PM (IST)
जिसने भी देखा खूब प्रशंसा किया

ऊधमपुर, जागरण संवाद केंद्र : डुग्गर हेरिटेज सोसायटी ऊधमपुर की तरफ से शनिवार को गोवर्धन पैलेस में लगाई प्रदर्शनी में आकर्षण का केंद्र आंखों की रोशनी खो चुकी दो विकलांग बहनें रहीं। दोनों अपार प्रतिभा की धनी हैं और अंधकारमय जीवन में अपनी हुनर को तराश कर आगे बढ़ रही हैं।

बिलावर के गांव टिकरी अमवाला की रहने वाली दोनों बहनों ने प्रदर्शनी में अपने हाथों से बुनी गई स्वेटर, कढ़ाई किए गए कपड़े व अन्य कई तरह के सामानों का स्टॉल लगाया था, जिसको जिसने भी देखा वह प्रशंसा किए बिना रह नहीं सका। घर की आर्थिक स्थिति नाजुक होने के कारण दोनों बहनें पिछले कुछ वर्षो से हरि प्रभु आश्रय नगरोटा गुज्जरू बिलावर में रह रही हैं।

रीता (16) व रेखा (12) ने बताया कि जन्म से दोनों विकलांग तो थी, लेकिन नेत्रहीन नहीं थी। रीता जब आठ वर्ष की थी तो अचानक एक दिन सरदर्द हुआ और आंखों की रोशनी खो बैठी। इसी तरह रेखा ने भी 10 वर्ष की आयु में सरदर्द के बाद आंखों की रोशनी खो दी। लेकिन, दोनों बहनों ने हिम्मत नहीं हारी और अपनी नेत्रहीन मां से कुछ न कुछ सीखती रही। दोनों ने बताया कि उनकी नेत्रहीन मां भी विभिन्न प्रकार की कलाओं में माहिर है। दोनों ने हरि प्रभु आश्रय में पहुंचकर अपनी कला द्वारा सभी को आकर्षित किया और आज वह अपनी कला का प्रदर्शन इस प्रदर्शनी में कर रही हैं। जहां सभी से सराहना पाकर अपने आप पर गर्व महसूस कर रही हैं। दोनों बहनें गायक भी हैं, जो कि डोगरी गीतों द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध करने में माहिर है।

जब मुख्य मेहमान खेल मंत्री आरएस चिब कार्यक्रम में पहुंचे थे तो दोनों ने गीत गाकर उनका स्वागत किया।

रेखा ने बताया कि डॉक्टर ने जांच करके बताया है कि सही इलाज द्वारा उसकी आंख की रोशनी लौट सकती है। लेकिन, उसकी मां के पास इतने रुपये नहीं है कि वह उसका इलाज करवा सके। लेकिन, नेत्रहीन होने के बावजूद वह अपने आपको असहाय महसूस नहीं करती है, बल्कि अपनी बड़ी बहन के साथ लगातार अपनी हुनर को तराश कर आगे बढ़ रही हैं।

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