हिमालय की गोद में नायाब कारीगरी

रोहित जंडियाल, नाशरी (रामबन) : हिमालय की लोअर शिवालिक की पहाड़ियों के बीच जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर नवनि

By JagranEdited By: Publish:Wed, 29 Mar 2017 01:30 AM (IST) Updated:Wed, 29 Mar 2017 01:30 AM (IST)
हिमालय की गोद में नायाब कारीगरी
हिमालय की गोद में नायाब कारीगरी

रोहित जंडियाल, नाशरी (रामबन) : हिमालय की लोअर शिवालिक की पहाड़ियों के बीच जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर नवनिर्मित एशिया की सबसे लंबी (9.2 किलोमीटर) टनल एक ओर जहां सभी के आकर्षण का केंद्र बनी है। वहीं इसकी बनावट व आधुनिक तकनीक से हुए निर्माण ने सभी को हैरत में डाल रखा है। यह एक ऐसी टनल है जो पूरी तरह से सूखी (ड्राई) है। इसके बीच पहाड़ों से जो पानी निकल रहा है, उसका इस्तेमाल टनल की जरूरतों के लिए ही किया जा रहा है और जो पानी बच रहा है, उसे फिलहाल नाले में छोड़ा जा रहा है।

जम्मू से कटड़ा तक जब रेलवे लाइन बिछाई गई थी तो इस ट्रैक के बीच बने टनलों में पानी की समस्या से काफी परेशानी हुई थी, लेकिन चनैनी-नाशरी सड़क टनल के निर्माण में कंपनी ने इस बात पर पूरा ध्यान दिया है। टनल में रोजाना पंद्रह हजार लीटर से अधिक पानी निकलता है, लेकिन उसकी एक भी बूंद टनल के भीतर नहीं गिरती है। पानी को पूरी तरह से टनल के बाहर निकाला गया है।

टनल का निर्माण करने वाली कंपनी के रीजनल हेड आशुतोष चांदवार का कहना है कि टनल से निकलने वाले पानी से टनल की जरूरतों को ही पूरा किया जा रहा है। यह पानी जरूरत से भी अधिक है और इतना स्वच्छ है कि इसका इस्तेमाल कहीं पर भी हो सकता है। फिलहाल, अतिरिक्त पानी को नाशरी नाले में छोड़ा जा रहा है।

कम होगा प्रदूषण : टनल से पूरे क्षेत्र में प्रदूषण भी कम होगा। इस क्षेत्र से हर दिन आठ से दस हजार गाड़ियां निकलती हैं, लेकिन अब टनल बनने से 31 किलोमीटर रास्ता कम होगा और हर दिन 27 लाख रुपयों का ईधन भी बचेगा। टनल के भीतर गाड़ियों से निकलने वाला धुंआ भी पूरी तरह स्वच्छ होकर बाहर निकलेगा।

124 सीसीटीवी रखेंगे नजर : टनल में सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा गया है। इसमें कुल 124 सीसीटीवी लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि को रिकॉर्ड करेंगे। इसके अलावा आग से निपटने के लिए भी पूरे प्रबंध किए गए हैं।

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