Article 370 Ends: कश्मीर के सुधरते हालात के साथ जिंदगी अहिस्ता-अहिस्ता आसान होती गई

केंद्र सरकार ने देश में रहकर पाकिस्तान के एजेंडे चलाने वाले तत्वों पर शिकंजा क्या कसा कश्मीर के सुधरते हालात के साथ जिंदगी अहिस्ता-अहिस्ता आसान होती गई।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Sat, 11 Jan 2020 09:41 AM (IST) Updated:Sat, 11 Jan 2020 09:41 AM (IST)
Article 370 Ends: कश्मीर के सुधरते हालात के साथ जिंदगी अहिस्ता-अहिस्ता आसान होती गई
Article 370 Ends: कश्मीर के सुधरते हालात के साथ जिंदगी अहिस्ता-अहिस्ता आसान होती गई

जम्मू, विवेक सिंह। केंद्र सरकार ने देश में रहकर पाकिस्तान के एजेंडे चलाने वाले तत्वों पर शिकंजा क्या कसा, कश्मीर के सुधरते हालात के साथ जिंदगी अहिस्ता-अहिस्ता आसान होती गई। दुष्प्रचार से हालात बिगाड़ने की साजिशें रचने वालों के मंसूबे सिरे नहीं चढ़ पाए। यही वजह है कि अब वहां अमन की मीठी धुन बज रही है।

जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने से 12 घंटे पहले पूरे मोबाइल इंटरनेट बंद कर दिया गया। वादी में फोन सेवाएं भी ठप कर दी गई। एहतियात के तौर पर भड़काऊ बयानबाजी करने वाले नेताओं और पत्थरबाजों को हिरासत में ले लिया गया।

 कश्मीर शांत पाक परस्तों के सपने चकनाचूर 

पाक परस्त एजेंडा चलाने वालों ने खूब हो-हल्ला मचाया पर इन फैसलों का असर घाटी में साफ दिखा। वादी में आग लगाने के दावे करने वाले नेताओं पर शिकंजा क्या कसा, कश्मीर शांत होता गया और पाक परस्तों के सपने चकनाचूर हो गए। 

भड़काऊ बयान देने वालों की बोलती बंद

फोन पर इंटरनेट बंद रहा तो भड़काऊ बयान देने वालों की बोलती बंद हो गई। हालात बेहतर होते गए, वैसे वैसे कश्मीर में पाबंदियां भी कम होती गई। पहले दो सप्ताह में ही पाबंदियों में ढील देनी शुरू हो गई। लोग बाहर निकलने लगे। बाजार खुलने लगे तो दहशत के सौदागरों को रास नहीं आया पर सुरक्षा बलों की चौकसी से उनके मंसूबे धरे रह गए।72 दिनों बाद प्रशासन ने गत वर्ष 14 अक्टूबर को कश्मीर में बीएसएनएल ने पोस्ट पेड मोबाइल सेवा शुरू कर दी। नए साल का तोहफा देते हुए प्रशासन ने 1 जनवरी 2020 को पोस्ट पेड मोबाइल पर एसएमएस सेवा शुरू हो गई। इसके साथ 80 सरकारी अस्पतालों, शिक्षण संस्थानों में ब्रांडबैंड सेवा भी शुरू कर दी गई।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख शांत रहा। ऐसे में लेह व कारगिल में मोबाइल व ब्रॉडबैंड सेवाएं जारी रही। लेह में मोबाइल पर इंटनेट सेवा भी लगातार जारी रही। ऐसे में हालात सामान्य बनाने के लिए प्रशासन ने जल्दबाजी से बचते हुए फूंक-फूंक कर कदम रखे।

युवाओं को दी गई थी सुविधा

इंटरनेट पर रोक से युवाओं, आम लोगों का भविष्य प्रभावित न हो, इसके लिए भी प्रबंध किए गए। कश्मीर के विभिन्न जिलों में सार्वजनिक स्थलों पर 100 से ज्यादा इंटरनेट टच प्वायंट स्थापित किए गए। कश्मीर के डिवीजन कमिश्नर बसीर अहमद खान का कहना है कि जिला प्रशासन श्रीनगर की तरफ से बनाए गए सुविधा केंद्रों में अब तक डेढ़ लाख के करीब लोगों ने इंटरनेट सेवा का इस्तेमाल किया है। इनमें ज्यादातर व्यापारी और विद्यार्थी ही थे। नीट में आवेदन के लिए श्रीनगर में ग्यारह सुविधा केंद्र बनाए गए थे।

सुरक्षाबलों में भी कटौती

हालात सामान्य होते देख प्रशासन ने जम्मू कश्मीर में तैनात सुरक्षा बलों को हटाना आरंभ कर दिया। राज्य के पुनर्गठन से पूर्व प्रदेश में एहतियात के तौर पर अतिरिक्त बल तैनात किए गए थे। अधिकारियों के अनुसार अ‌र्द्ध सैनिक बलों की 72 कंपनियां वापस लौट चुकी हैं।

आतंकी गतिविधियों में 30 फीसद कमी

इंटरनेट पर प्रतिबंध से शरारती तत्वों को दिशा देने वाले खुद दिशाहीन हो गए। प्रतिबंध कश्मीर में राष्ट्रविरोधी तत्वों पर कुठारघात की तरह थे। यह तत्व इंटरनेट के जरिए सुरक्षाबलों के ऑपरेशन पर बाधा पहुंचाते थे ओर भीड़ को हिंसक कर आतंकियों को भागने में मदद करते थे। इंटरनेट बंद होने से उनका दुष्प्रचार थमा व हालात बेहतर होने लगे।

कश्मीर में सुरक्षाबलों पर पथराव लगभग रूक गया। मोबाइल सेवा पर रोक से आतंकवादी भी प्रभावित हुए। गत वर्ष 28 सितंबर को तीन आतंकवादी रास्ता भटक कर रामबन जिले के बटोत इलाके में पहुंचकर सुरक्षा बलों से घिर गए थे। सुरक्षाबलों ने उन्हें आसानी से मार गिराया था।

बेहतर हो रहे हालात

जम्मू कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि बेहतर हो रहे हालात में आतंकवादी गतिविधियों में 30 फीसद कमी के साथ कानून एवं व्यवस्था संबंधी मामलों में 36 फीसद कमी आई। उनका कहना है कि कश्मीर में युवाओं के आतंकवादी बनने के मामलों में भी भारी कमी आई।

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