उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी

जेएनएन, जम्मू : सर्दी के सबसे ठंडे दिन चिल्ले कलां के अंतिम दिन कश्मीर के साथ जम्मू संभाग के उच्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 02:21 AM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 02:21 AM (IST)
उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी
उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी

जेएनएन, जम्मू : सर्दी के सबसे ठंडे दिन चिल्ले कलां के अंतिम दिन कश्मीर के साथ जम्मू संभाग के उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हुई। चिल्ले कलां के 40 दिन कश्मीर की सर्दी का सबसे ठंडा मौसम माना जाता है। हालांकि निचले इलाकों में बर्फ जल्द ही पिघल गई, लेकिन गुलमर्ग समेत उच्च पर्वतीय इलाकों में बर्फबारी जारी रही। राज्य भर में तापमान सामान्य से नीचे रहा। मौसम विभाग के अनुसार, अगले चौबीस घंटों के दौरान भी वादी में सामान्य से भारी बर्फबारी हो सकती है।

बुधवार को कश्मीर संभाग के गुलमर्ग, पहलगाम, लेह व कारगिल क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हुई। गुलमर्ग में सुबह 8.30 बजे से शाम पांच बजे तक सात इंच, सोनमर्ग में नौ इंच, जबकि साधना पास के निकट डेढ़ फीट ताजा बर्फ रिकॉर्ड की गई। उधर, जवाहर सुरंग के निकट भी बर्फबारी होती रही। जम्मू शहर को भी सुबह से ही बादलों ने अपने आगोश में ले रखा था। कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हुई। बादल छाए रहने और उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश व बर्फबारी के चलते तापमान में गिरावट आई है। हालांकि मंगलवार के मुकाबले तापमान में बढ़ोतरी हुई, लेकिन शीतलहर का प्रकोप बना हुआ है। रात में ही नहीं दिन में भी ठिठुरन बढ़ गई है। मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के निदेशक सोनम लोटस ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने लगा है। अभी बर्फबारी और बारिश का सिलसिला जारी रहेगा। एक फरवरी से मौसम सुधरने लगेगा।

मौसम विभाग ने उच्च पर्वतीय इलाकों बांडीपुर, बारामुला, गांदरबल, कुपवाड़ा, बड़गाम, अनंतनाग, कुलगाम व शोपिया में हिमस्खलन की चेतावनी दी है। प्रशासन ने पहले ही इन जिलों के उच्च पर्वतीय इलाकों में रहने वालों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

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शहर अधिकतम न्यूनतम तापमान

श्रीनगर 3.4 -0.3

काजीगुंड 2.3 -2.0

पहलगाम -1.0 -3.3

गुलमर्ग -2.0 -7.5

लेह 0.4 -7.8

जम्मू 15.1 7.7

बनिहाल 5.2 0.7

बटोत 5.8 1.2

कटड़ा 14.8 7.4

भद्रवाह 5.2 0.6

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भूस्खलन ने छह बार रोकी हाईवे की रफ्तार

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जम्मू श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बुधवार को भूस्खलन के कारण छह बार बंद हुआ। दोपहर में सबसे बड़ा भूस्खलन मंकी फॉल इलाके में हुआ, जिससे करीब सवा घंटे तक वाहनों की रफ्तार थमी रही। वहीं, शैतानी नाला इलाके में बर्फबारी के कारण कोहरा जमने से फिसलन बढ़ने से वाहनों की रफ्तार मंद रही।

मंगलवार को पंतिहाल इलाके में भूस्खलन के बाद गिरा मलबा हटा कर हाईवे को खोला गया। इसके बाद रात से फंसे ट्रकों और अन्य वाहनों को घाटी की तरफ रवाना किया गया। बुधवार सुबह चार बजे अनोखी भाल इलाके में फिर से भूस्खलन के कारण गिरे मलबे ने हाईवे को बंद कर दिया। इसके बाद सुबह छह बजे तक चार बार भूस्खलन होने से मलबा गिरा। मगर हर बार आधे घंटे से भी कम समय में हाईवे को खोल दिया गया। इसके बाद एक टी-2 क्षेत्र में भू्स्खलन से 20 मिनट तक हाईवे बंद रहा। दोपहर को 12 बजे मंकी मोड़ इलाके में भारी भूस्खलन हुआ। मलबे को हटाने में करीब सवा घंटे लगा। इसके बाद हाईवे वाहनों की आवाजाही के लिए खोल दिया गया।

डीएसपी ट्रैफिक सुरेश शर्मा ने बताया कि सुबह से दोपहर तक छह बार भूस्खलन से हाईवे बंद हुआ। मगर दोपहर सवा एक बजे के बाद हाईवे घाटी से जम्मू जाने वाले वाहनों के लिए खुला है। बुधवार सुबह पहले जम्मू से श्रीनगर जाने वाले करीब 600 वाहनों को घाटी की तरफ निकाला गया। इसके बाद सुबह दस बजे से श्रीनगर से जम्मू की तरफ वाहनों को छोड़ा जा रहा है। दोपहर बाद से रामबन क्षेत्र में हल्की बारिश और जवाहर सुरंग पर हल्की बर्फबारी हो रही है।

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