Politics-Terrorism nexus: शुजात बुखारी के हत्‍यारे नवीद जट्ट से भी थे वहीद परा के संबंध, लश्‍कर कमांडर अबू दुजाना को दिए थे 10 लाख

पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान परा ने कथित तौर पर पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में लिप्त पाकिस्तानी आतंकी नवीद जट्ट के अलावा ऊधमपर आत्मघाती हमले के मुख्य आरोपी अबु दुजाना को भी 10 लाख रुपये की मदद की थी।

By Lokesh Chandra MishraEdited By: Publish:Thu, 25 Mar 2021 04:00 AM (IST) Updated:Thu, 25 Mar 2021 01:07 PM (IST)
Politics-Terrorism nexus: शुजात बुखारी के हत्‍यारे नवीद जट्ट से भी थे वहीद परा के संबंध, लश्‍कर कमांडर अबू दुजाना को दिए थे 10 लाख
पीडीपी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान परा आतंक और सियासी गठजोड़ का मुख्‍य खिलाड़ी था।

श्रीनगर, राज्य ब्यूरो: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की युवा इकाई के अध्यक्ष वहीद उर रहमान परा (Waheed-ur-Rehman Para) के सिर्फ हिजबुल मुजाहिदीन के साथ ही संबंध नहीं थे। उसने कथित तौर पर पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या में लिप्त पाकिस्तानी आतंकी नवीद जट्ट (Naveed Jatt) के अलावा ऊधमपर आत्मघाती हमले के मुख्य आरोपी अबु दुजाना (Abu Dujana) को भी 10 लाख रुपये की मदद की थी। उसने जम्मू कश्मीर खेल परिषद का सचिव रहते हुए परिषद की निधि से पांच करोड़ की राशि खेल व युवाओं के कल्याण पर खर्च करने के बजाय कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह उर्फ फंतोश को दी थी। 2016 में कश्मीर में हुए हिंसक प्रदर्शनों में फंतोश ने अहम भूमिका निभाई थी। इस समय वह टेरर फंडिंग के सिलसिल में तिहाड़ जेल में बंद है।

एनआइए से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि क्या परा ने अपनी पार्टी के फंड और खेलो इंडिया के तहत जम्मू कश्मीर खेल परिषद को मिले पैसे का आतंकी संगठनों के लिए इस्तेमाल किया है या नहीं।

हिजबुल के डिवीजनल कमांडर नवीद मुश्ताक बाबू और पूर्व डीएसपी देविंद्र सिंह से हुई पूछताछ के आधार पर नवंबर 2020 में गिरफ्तार किए गए वहीद उर रहमान परा के खिलाफ सोमवार को ही एनआइए ने अदालत में एक आरोपपत्र दायर किया है। आरोपपत्र में दावा किया गया है कि परा ने 2016 में लश्कर के पाकिस्तानी आतंकी अबु दुजाना को 10 लाख रुपये की मदद की थी। उसने एक अन्य पाकिस्तानी आतंकी नवीद जट्ट को भी विभिन्न प्रकार से साजो सामान उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाई थी। नवीद जट्ट वर्ष 2018 में पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या का मुख्य आरोपित था।

नवीद जट्ट छह फरवरी 2018 को श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल में फिल्मी अंदाज में दो पुलिसकर्मियों की हत्या कर भाग निकला था। वह 29 जनवरी 2018 को बडग़ाम में सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया था। वहीं 15 लाख रुपये का इनामी अबु दुजाना पहली अगस्त 2017 को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया था।

वर्ष 2016 में जब आतंकी बुरहान की मौत के बाद कश्मीर में सिलसिलेवार हिंसक प्रदर्शनों का दौर चल रहा था तो उस समय वहीद उर रहमान परा ने कथित तौर पर पांच करोड़ रुपये की राशि कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिालनी के दामाद अल्ताफ अहमद शाह को दी थी। 2016 के हिंसक प्रदर्शनों में 200 के करीब लोग मारे गए थे और तीन हजार सुरक्षाकर्मियों समेत 11 हजार लोग जख्मी हुए थे।

इसके अलावा परा पर यह भी आरोप है कि उमर अब्‍दुल्‍ला के नेतृत्‍व वाली नेकां-कांग्रेस गठबंधन की सरकार के दौरान उसने पुलवामा में पत्‍थरबाजों का रैकेट तैयार किया था ताकि हिंसा भड़काकर सियासी फायदा लिया जा सके। बाद में वह पीडीपी में शामिल हो गया था।

आतंकियों और हथियारों को इधर से उधर ले जाने में करता था मदद :  एनआइए ने अपने आरोपपत्र में कथित तौर पर दावा किया है कि वहीद उर रहमान परा का एक रिश्तेदार मोहम्मद यूसुफ लोन गडूरा आतंकी था। उसके अलावा उसके कुछ और जानकार भी आतंकी थे। इनके जरिए ही उसने हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर व अन्य आतंकी संगठनों में अपना नेटवर्क बढ़ाया था। परा ने कथित तौर पर अपनी सरकारी कार में आतंकियों के लिए एके-47 राइफल को भी एक जगह से दूसरी जगह सुरक्षित पहुंचाया है। परा अपने पद और प्रतिष्ठा का दुरुपयोग आतंकियों की मदद के लिए करता था।

वह कई बार आतंकियों के हथियार एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा चुका है। उसने कई बार आतंकियों को भी उनका ठिकाना बदलने में कथित तौर पर मदद की है। वह उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा में भी जाता था और वहां से कई बार हथियार व आतंकी अपने वाहन में लाता था। रास्ते मेंं किसी भी जगह नाके पर उसकी जांच नहीं होती थी। उसके निवास पर हिजबुल आतंकियों की बैठक का भी आरोप है।

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