कश्मीर में विकास और खुशहाली के लिए मतदाताओं ने डाला वोट

कश्मीर में विकास और खुशहाली का सपना संजोए मतदाताओं ने मंगलवार को जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में भी गजब का उत्साह दिखाया। कड़ाके की ठंड भी वोट के आगे बेअसर रही।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 02 Dec 2020 06:20 AM (IST) Updated:Wed, 02 Dec 2020 06:20 AM (IST)
कश्मीर में विकास और खुशहाली के लिए मतदाताओं ने डाला वोट
कश्मीर में विकास और खुशहाली के लिए मतदाताओं ने डाला वोट

रजिया नूर, श्रीनगर

कश्मीर में विकास और खुशहाली का सपना संजोए मतदाताओं ने मंगलवार को जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव के दूसरे चरण के मतदान में भी गजब का उत्साह दिखाया। कड़ाके की ठंड भी वोट के आगे बेअसर रही। उम्मीदों से कहीं अधिक मतदान हुआ। बुजुर्ग भी घरों से निकले। जो अकेले चल नहीं सकते थे वह अपनों का सहारा लिया और मतदान किया।

श्रीनगर निर्वाचन क्षेत्र के बाहरी छोर पर पंजीनारा इलाके में मतदान केंद्र संख्या 35-बी में 82 वर्षीय अजी बेगम कड़ाके की ठंड की परवाह किए बिना अपने शौहर 86 वर्षीय अब्दुल जब्बार का हाथ पकड़कर वोट डालने पहुंचीं। उनकी आंखों में रोशनी नहीं है, लेकिन अंतर्मन की खुशहाली और अपनी नई पीढ़ी की तरक्की का सपना खुले मन से देखती हैं। वह कहती हैं कि विकास और बेरोजगारी दूर करने के लिए उन्होंने वोट किया है। वह मधुमेह की मरीज हैं और 15 साल पहले आंखों की रोशनी चली गई थी। तब हमारे इलाके में पानी की दिक्कत थी, सड़कें कच्ची थी, पर आज भी हालात वैसे के वैसे ही हैं। आज भी हमारे इलाके के लोग बेहतर सड़कों व पानी के लिए तरसते हैं। हमने विकास और खुशहाली के लिए वोट दिया है ताकि जो तकलीफें हमने झेलीं, वह आज की पीढ़ी न सहे। सुन नहीं, पर सब समझती हैं राजा बेगम

बारमुला जिले के टंगमर्ग निवार्चन क्षेत्र के लालपोरा इलाके में 105 वर्षीय राजा बेगम ने मतदान किया है। वह सुन नहीं सकती हैं, लेकिन सब समझती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे इलाके में सड़कें नहीं हैं, बिजली नहीं है। इलाके के पढ़े-लिखे नौजवान बेरोजगार हैं। मेरे पोते-नवासे भी नौकरी के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। इन्हीं दिक्कतों को दूर करने के लिए वोट देने आई हूं। हमारे नुमाइंदे ने कहा कि अगर हमने उसे अपना वोट देकर जीत दिलाई तो वह हमारी सभी दिकक्तें दूर करेगा। ऑपरेशन की परवाह किए वोट डाले पहुंचे पंडित

श्रीनगर के ही सोलिना निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदान केंद्र पर 55 वर्षीय शफी अहमद पंडित ने भी वोट डाला है। उनकी टांग का हाल ही में ऑपरेशन हुआ है। आराम करने की हिदायत है। उत्साह से वह कहते हैं कि आराम तो बाद में भी की जा सकती है, लेकिन अपना प्रतिनिधि को चुनने का मौका बार-बार नहीं आता। पंडित ने कहा कि उनका घर निचले इलाके में है। पानी की निकासी है नहीं। थोड़ी बारिश में ही तालाब जैसे हालात हो जाते हैं। लो-वोल्टेज आम है। इस उम्मीद में मतदान किया है कि इन मुसीबतों से मुक्ति मिलेगी।

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