मुखौटा बदलकर आतंकी देशभर में हमले की साजिश रच रहे थे
जम्मू कश्मीर समेत देश के विभिन्न शहरों व राज्यों में आतंकी हमलों की साजिश को अंजाम देने में जुटे 25 आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित एनआइए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया है।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : जम्मू कश्मीर समेत देश के विभिन्न शहरों व राज्यों में आतंकी हमलों की साजिश को अंजाम देने में जुटे 25 आरोपितों के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित एनआइए की विशेष अदालत में आरोप पत्र दायर किया है। आरोपितों में एक महिला सोबिया उर्फ मरियम अल कश्मीरी के अलावा दिल्ली बम धमाकों की साजिश में आरोपित रहा तारिक अहमद डार भी शामिल हैं। तारिक को अदालत ने कुछ वर्ष पहले ही जेल से रिहा किया था।
एनआइए प्रवक्ता ने बताया 16 आरोपित श्रीनगर के और छह उत्तरी कश्मीर के और तीन दक्षिण कश्मीर के रहने वाले हैं। लश्कर, जैश, हिजबुल, अल बदर और टीआरएफ व पीएएफएफ जैसे संगठनों ने जम्मू कश्मीर समेत देश के विभिन्न हिस्सों में आतंकी हमलों को अंजाम देने की साजिश रची थी। आतंकी संगठन अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए इंटरनेट मीडिया का सहारा ले रहे थे। इस साजिश को अंजाम देने के लिए आतंकी संगठन देश के विभिन्न हिस्सों में अपने कैडर और स्लीपर सेल को भी सक्रिय करने में लगे थे। एनआइए ने आरोपपत्र में बताया कि आतंकी संगठनों ने आपस में गठजोड़ कर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी की मदद से अपने कुछ छदम संगठन तैयार किए या फिर वारदात को अंजाम देने के बाद किसी ऐसे संगठन का नाम उछाला जाता जो जमीन पर कहीं नहीं होता। इसके पीछे आतंकी संगठनों का मकसद सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने के अलावा कश्मीर में जारी आतंकी हिसा को पूरी तरह स्थानीय साबित करना था। इससे पाकिस्तान और उसके द्वारा समर्थित आतंकी संगठन अंतरराष्ट्रीय दबाव से बच जाते और यह साबित किया जाता कि जम्मू कश्मीर में हिसा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के खिलाफ स्थानीय लोगों के संगठनों द्वारा की जा रही है। द रजिस्टेंस फ्रंट, पीपल अगेंस्ट फासिस्ट फ्रंट, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट, मुस्लिम जांबाज फोर्स, कश्मीर जांबाज फोर्स, कश्मीर टाइगर्स, कश्मीर फाइट, गजवात-उल-हिद, कश्मीर गजनवी फोर्स जैसे संगठन इसी साजिश का नतीजा हैं। हमलों के लिए तैयार किए हाइब्रिड आतंकी : एनआइए ने अपनी जांच में साबित किया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ और उसके समर्थित आतंकी संगठनों ने अपने कैडर और ओवरग्रांउड नेटवर्क के जरिए इंटरनेट मीडिया के विभिन्न माध्यमों का भी इस्तेमाल कश्मीरी युवाओं में जिहादी मानसिकता पैदा करने, उन्हें भारत के खिलाफ हिसक विद्रोह करने के लिए तैयार करने और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तैयार करने के लिए किया। इसी साजिश के तहत कश्मीर में हाइब्रिड आतंकियों की एक फौज तैयार की जा रही थी। हाइब्रिड आतंकियों और ओवरग्राउंड वर्करों को सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमले, टारगेट किलिग या आगजनी जैसी वारदात को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। आरोपितों की सूची--
- बशीर अहमद पीर उर्फ इम्तियाज आलम, कुपवाड़ा
- इम्तियाज कुंडू उर्फ फैयाज सोपोर
- बिलाल अहमद मीर उर्फ बिलाल फाफू, श्रीनगर
- उवैस अहमद डार, पुलवामा
- तारिक अहमद डार, श्रीनगर
- तारिक अहमद राजौरी कदल, श्रीनगर
- मोहम्मद हनीफ चिरालु श्रीनगर
- हनान गुलजार डार बटमालू
- मतीन अहमद बट शोपियां
- कामरान अशरफ रेशी, हजरतबल श्रीनगर
- रैयद बशीर, श्रीनगर
- मोहम्मद मनान डार, बटमालू
- आदिल बट, श्रीनगर
- हारिस निसार लांगू, श्रीनगर
- रौऊफ अहमद बट बिजबेहाड़ा
- सोबिया अजीज मीर उर्फ मरियम अलम, श्रीनगर
- अमीर अहमद गोजरी, श्रीनगर
- सदात अमीन मलिक उर्फ सैयद अरहान, सोपोर
- इश्फाक अमीन वानी उर्फ रेहान अमीन वानी, श्रीनगर
- राशिद मुजफ्फर गनई, सोपोर
- नशीर अहमद मीर, सोपोर
- इरफान तारिक अंतू, सोपोर
- सुहैल अहमद ठोकर, कुलगाम
- आदिल अहमद वार, श्रीनगर
- आरिफ फारूक बट, श्रीनगर