Militancy in Kashmir: छह माह पहले मारे गए आतंकी की डीएनए जांच से हुई पहचान
Militancy in Kashmir पुलिस ने तीन आतंकियों के परिजनों को शवों की शिनाख्त के लिए बुलाया था। एक आतंकी की पहचान आरमपोरा बारामुला के रहने वाले हनान बशीर के रूप में और एक अन्य पहचान रावतपोरा देलिना के शफकत अहमद के रूप में हुई थी।
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : उत्तरी कश्मीर के पट्टन में छह माह पहले सितंबर 2020 में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए टीआरएफ के एक स्थानीय आतंकी की पहचान हो गई है। डीएनए के नमूनों के आधार पर आतंकी की पहचान इम्तियाज मीर के रूप में हुई जो 12 जून 2019 में आतंकी बना था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पट्टन के यारीपोरा में चार सितंबर को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक मेजर और दो पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे, जबकि तीन आतंकी मारे गए थे। पुलिस ने तीन आतंकियों के परिजनों को शवों की शिनाख्त के लिए बुलाया था। एक आतंकी की पहचान आरमपोरा बारामुला के रहने वाले हनान बशीर के रूप में और एक अन्य पहचान रावतपोरा देलिना के शफकत अहमद के रूप में हुई थी।
शफकत मारे जाने से आठ दिन पहले ही आतंकी बना था जबकि हनान को आतंकी बने तकरीबन ढाई महीने हो गए थे। तीसरे आतंकी के बारे में दावा किया जा रहा था कि वह गुलगाम कुपवाड़ा के गुलाम नबी का बेटा इम्तियाज अहमद मीर है। गुलाम नबी और उसके परिवार के अन्य सदस्य भी शव की शिनाख्त के लिए आए थे, लेकिन वह शिनाख्त नहीं कर पाए थे। इसके बाद गुलाम नबी का डीएनए का नमूना लिया गया था।
इसके बाद उसके डीएनए और मारे गए तीसरे आतंकी के शव से लिए गए नमूनों की जांच की गई तो वह आपस में मिल गए। इसके आधार पर तीसरे आतंकी की शिनाख्त की पुष्टि हुई है और वह इम्तियाज मीर ही निकाला।