कश्मीर में अमन और खुशहाली के लिए जो संभव होगा,हम करेंगे: राजनाथ

राजनाथ सिंह ने कहा कि हम कश्मीर में हर चेहरे पर खुशी और मुस्कान देखना चाहते है। इसके लिए सभी प्रयत्न कर रहे हैं। आतंकवाद ने यहां बहुत तबाही की है।

By Preeti jhaEdited By: Publish:Mon, 11 Sep 2017 04:17 PM (IST) Updated:Mon, 11 Sep 2017 04:17 PM (IST)
कश्मीर में अमन और खुशहाली के लिए जो संभव होगा,हम करेंगे: राजनाथ
कश्मीर में अमन और खुशहाली के लिए जो संभव होगा,हम करेंगे: राजनाथ

श्रीनगर, [नवीन नवाज]। खुले दिल से आए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कश्मीर के स्थायी समाधान के लिए अपनाए जा रहे पांच सी फार्मूेले का खुलासा करते हुए कहा जितने भी हितधारक हैं, सभी से बात करना चाहता हूं। अमन-अमान के हालात बनाने में हमारी मदद कीजिए। कश्मीर में अमन का दरख्त सूखा नहीं है, अमन की हरी कोंपलें फूट रही हैं। कश्मीर में अमन के साथ आम लोगों  का सम्मान व गरिमा भी बहाल रहे। लोगों की अजमत-इज्जत दोनों सलामत रहें, यही हमारी कोशिश है। 

आज जम्मू रवाना होने से पूर्व बातचीत में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने  धारा 35ए,एनआईए के छापों, अलगाववादियों से बातचीत और रोहिंग्या की समस्या पर बेबाकी से जवाब दिए। उन्होंने कहा कि कश्मीर में अमन और खुशहाली के लिए जो संभव होगा,हम करेंगे। हमारी नीयत साफ है। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कश्मीर समस्या गोलियां या गालियों से नहीं बल्कि कश्मीरियों को गले लगाने से हल होगी। उन्होंने कहा मैं उसे आगे बढ़ाने का प्रयत्नशील हूं। 

 स्थायी समाधान के लिए पांच सी का फार्मूला 

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि हमने कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए हम संकल्पबद्घ हैं। हम  पांच सी- कंपैशन(प्रेम व करुणा),कम्यूनिकेशन(संवाद), को एग्जिसटेंस(सह अस्तित्व),कानफीडेंस बिल्डिंग(विश्वास बहाली), कनसिसटेंसी(दृढ़ता व स्थिरता) के आधार पर कश्मीर समस्या के स्थायी समाधान के लिए काम कर रहे हैं। 

 धारा 35ए पर लोगों के जज्बात होगा सम्मान 

धारा 35ए और धारा 370 को लेकर जारी विवाद संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि यह कोई मुददा नहीं है,लेकिन इसे जानबूझकर तूल दिया जा रहा है। केंद्र सरकार इस मामले में अदालत मे नहीं गई है। इस मुददे पर हम जो भी करेंगे,यहां के लोगों की भावनाओं व जज्बात का पूरा सम्मान करेंगे, उनकी भावनाओं के खिलाफ कुछ नहीं करेंगे। धारा 35ए कोई मुददा नहीं है, दुर्भाग्यजनक है कि कुछ लोगों ने इसे विवाद बना दिया है। 

अमन बहाली में मदद कीजिए 

कश्मीर समस्या के समाधान व कश्मीर में अमन बहाली के लिए सभी से बातचीत की इच्छा जताते हुए उन्होंने कहा कि मैं सभी हितधारकों से मिलना चाहता हूं, मैं यहां कोई पूर्वाग्रह लेकर नहीं आया हूं। हुर्रियत कांफ्रेंस के नेताओं को हमने नहीं रोका, अगर वह नजरबंद है तो वह कानून का मामला है,उसमें हमारा कोई दखल नहीं है। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मैं पिछले साल जब आया था तो उन्होंने बातचीत से इंकार किया था, यहां की मुख्यमंत्री ने भी उन्हें पत्र लिखा था। यहां अमन-अमान का माहौल बनाने में हमारी मदद कीजिए। 

 हर चेहरे पर मुस्कान देखना चाहते हैं 

कश्मीर में हालात सामान्य बनाने की अपनी प्रतिबद्घता दोहराते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा बिलखती जोहरा का चेहरा भूलता नहीं है। हम कश्मीर में हर चेहरे पर खुशी और मुस्कान देखना चाहते है। इसके लिए सभी प्रयत्न कर रहे हैं। आतंकवाद ने यहां बहुत तबाही की है। सकारात्मक सोच रखने वाला कश्मीरी नौजवान परेशान है। अब हम आतंकवाद को एक और पिड़ी खराब नहीं  करने देंगे। 

 पर्यटन बढ़ाने को केंद्र चलाएगा अभियान 

उन्होंने कश्मीर में  आतंकवाद से गरीब व युवा वर्ग हुए हुए नुक्सान का जिक्र करते हुए कहा कि पर्यटन भी पूरी तरह तबाह हो गया। मैं आज यहां से देश दुनिया के सभी लोगों से अपील करता हूं कि कश्मीर आप लोगों का स्वागत करने को तैयार है। कश्मीर के लोग इसे  दहशदगर्दों से आजाद कर इसे फिर से स्वर्ग बनाना चाहते हैं। यहां कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार भी कश्मीर में पर्यटन क्षेत्र को फिर से पटरी पर लाने के लिए एक विशेष अभियान चलाएगी। 

 हम तो दिल से दिलाना मिलाना चाहते हैं 

पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावना संबंधी सवाल के जवाब में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 26 मई 2014 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमत्री को बुलाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभी प्रोटोकाल तोड़ पाकिस्तान भी गए। हमारे वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी ने भी पाकिस्तान के साथ अच्छे रिश्ते बनाने का प्रयास करते हुए कहा था कि दोस्त बदल सकते हैं, पड़ोसी नहीं। हम तो दिल से दिल मिलाना चाहते हैं। लेकिन पाकिस्तान ने कभी सकारात्मक जवाब नहीं दिया। उसे यहां आतंकियों की घुसपैठ बंद करानी होगी और टेरर फंडिंग के बारे में आप सभी जानते ही हैं। 

रोहिंग्या-किसी भी संभावना से इंकार नहीं 

केंद्रीय गृहमंत्री से जब पूछा गया कि क्या रोहिंग्या देश की एकता व अखंडता के लिए खतरा हैं तो उन्होंने सीधे शब्दों में कहा कि किसी भी संभावना को नकारा नहीं जा सकता। 

अफास्पा पर नहीं की किसी ने बात 

केंद्रीय गृहमंत्री ने अफास्पा पर अक्सर सियासत करने वाली नेकां,पीडीपी,माकपा व अन्य दलों की पोल खोलते हुए कहा कि बीते दो दिनों के दौरान मैं यहां बहुत से लोगों से मिला,लेकिन किसी ने भी अफास्पा को हटाने संबंधी कोई जिक्र नहीं किया। 

एनआईए के मामले में हमारा  दखल नहीं 

अलगाववादी और आतंकी संगठनों के खिलाफ एनआईए की कार्रवाई को राजनीति से जोड़े जाने पर एतराज जताते हुए उन्होंने कहा कि एनआईए एक स्वायत्त संस्था है। इसमें केंद्र सरकार का कोई दखल नहीं है। यह अपने स्तर पर सुबुत जमा करने के बाद ही कार्रवाई करती है। यह कानून के मुताबिक अपना काम कर रही है, लकिन किसी को अनावश्यक तंग नहीं किया जाना  चाहिए। 

 पांच बार नहीं 50 बार आऊंगा 

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने अपने कश्मीर दौरों का जिक्र करते हुए कहा कि कश्मीर मेंअमन और खुशहाली की बहाली केलिए मैं पांच बार नहीं साल में यहां 50 बार आऊंगा। कश्मीर में  हालात बेहतर बनाने के लिए जो भी प्रयास करने होंगे,किए जाएंगे,उनमें किसी को रुकावट नहीं बनने दिया जाएगा। 

गुमराह बच्चों से सहृदयता से आएं पेश 

किशोर आतंकियों और पत्थरबाजों का जिक्र  करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि  पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियों को नाबालिग और पहली बार अपराध में लिप्त किशोरों के साथ पूरी सहृदयता के साथ पेश आने व उनके खिलाफ ज्यूवनाईल कानून के तहत ही कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। उन्हें आतंकी नहीं ज्यूवेनाईल समझा जाए और जेल या हवालात के बजाय ज्यूवेनाईल होम में भेजा जाए, उन्हें कौंसिलिंग दी जाए। मैंने खुद मुख्यमंत्री महबूबा मुफती से इस मामले की निजी तौर पर निगरानी का आग्रह किया है। 

 जो कहूंगा, वही करुंगा 

केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने पैलेट गन के इस्तेमाल संबंधी सवाल के जवाब में कहा कि मैंने कभी नहीं कहा था कि पैलेट गन का इस्तेमाल पूरी तरह बंदहो जाएगा।  मैने इसके विकल्पों के बारे में कहा था और बीते एक साल के दौरान इसका इस्तेमाल बहुत कम हुआ है। उन्होंने कहा कि हिंदोस्तान में राजनीतिक संकट यहां के नेताओं की कथनी और करनी में अंतर की वजह से ही पैदा होते हैं। लेकिन मैं जो कहूंगा, वही करुंगा। 

 आजाद से नहीं शिकायत 

कांग्रेस के पालिसी गु्रप के जम्मू दौरे और मौजूदा केंद्र सरकार पर कश्मीर के संदर्भ में कोई ठोस कदम न उठाने संबंधी कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के आरोपों के संदर्भ में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि वह हमारे राजनीतिक विरोधी हैं। मैं उनकी बहुत इज्जत करता हूं। कश्मीर मुददे पर मेरी अक्सर उनसे बातचीत होती है,कई बार सलाह लेता हूं। मुझे उनसे कोइ्र शिकायत नहीं है। 

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